अगले साल से दरभंगा से फारबिसगंज के बीच दौड़ेगी ट्रेनें, इन क्षेत्र के लोगों को होगा फायदा

पूर्व मध्य रेलवे द्वारा दरभंगा से फरबिसगंज मे मध्य नई रेलवे लाइन बिछायी जा रही है। दरभंगा से झंझारपुर, निर्मली, सरायगढ़, राघोपुर होते हुए फारबिसगंज तक ब्राड गेज के रेल लाइन बिछाने का काम किया जा रहा और यह कार्य अपने अंतिम चरणों में है। यह रेल लाइन पङोसी देश नेपाल की सीमा से सटा होगा, आपातकालीन स्थिति मे इसका सामरिक उपयोग भी किया जा सकेगा। इस रेल लाइन के शुरू होने का एक बड़ा फायदा यह होगा कि हाजीपुर से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच की दूरी बेहद कम हो जायेगी। इतना ही नहीं फारबिसगंज से न्यू जलपाईगुड़ी जाने के लिए कटिहार से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा बल्कि ट्रेन सीधे ही फारबिसगंज से न्यू जलपाईगुड़ी तक चली जायेगी।

इस रेलखंड के निर्माण कार्य के अंतर्गत राघोपुर से नरपतगंज होते हुए फारबिसगंज तक रेललाइन बिछाने का कार्य शीघ्रताशीघ्र किया जा रहा है। उम्मीद है कि 2022 के मार्च तक इस रेलखंड को पूरी तरह निर्मित्त कर लिया जाएगा। रेल लाइन बिछाने का काम कहाँ तक पूरा किया जा चुका है, इस सम्बन्ध मे जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार, दरभंगा फारबिसगंज रेलखंड के तमुरिया घोघरडीहा 11 किमी, घोघरडीहा निर्मली11 किमी, राघोपुर-ललितग्राम 20 किमी तक रेललाइन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।

सरायगढ़ से राघोपुर तक रेल लाइन बिछाया जा चुका है। कहा जा रहा कि इस महीने ललितग्राम तक रेललाइन बिछाने का काम पूरा हो जाएगा, जबकि ललितग्राम से नरपतगंज 12 किमी रेललाइन बिछाने का कार्य अगले साल फरवरी तक हो जाएगा। नरपतगंज से फारबिसगंज के बीच 17 किमी लंबे रेलखंड का निर्माण कार्य किया जाना है, जिसे अगले साल मार्च तक मे पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। ये सभी निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दरभंगा से झंझारपुर, निर्मली होते हुए सीधे फारबिसगंज तक ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा।

दरभंगा से फारबिसगंज तक रेललाइन बिछाये जाने से उत्तर बिहार तो लाभन्वित होगा ही लेकिन इसके साथ ही साथ पूरे राज्य के यह लिए नए वर्ष का सौगात होगा। इस रेलखंड के निर्माण होते ही ट्रेनों को कटिहार गए बिना ही फारबिसगंज होते हुए सीधे न्यू जलपाईगुड़ी तक परिचालन किया जा सकेगा। इससे एक तरफ दूरी कम होगी ही तो वही दुसरी तरफ पुराने रेलखंड का लोड काफी कम हो जाएगा। एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि नेपाल से सटे बिहार के कई जिलों का विकास भी हो सकेगा।

Manish Kumar

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