झारखंड में तीन एक्सप्रेसवे की घोषणा, सामने आया पूरा प्लान! जानें कौन-कौन जिले होंगे लाभान्वित

पूरे देश में ढांचागत बदलाव के लिए केंद्र सरकार एक तरह से अभियान चला रही है। इसके लिए सरकार ने कई प्रोजेक्ट बनाए हैं, जिसमें सागरमाला योजना, भारत माला प्रोजेक्ट, गति शक्ति योजना जैसे कई योजनाएं हैं। इसी कड़ी में झारखंड में तीन नए एक्सप्रेसवे के निर्माण की बात सामने आई है। यह निर्माण कार्य भारत सरकार की भारत माला परियोजना के के तहत की जाएगी।

पहला एक्सप्रेसवे ओडिशा के संबलपुर से रांची तक बनाया जाएगा। इसकी कुल लंबाई 146.2 किलोमीटर होगी। दूसरा एक्सप्रेस वे छत्तीसगढ़ के रायपुर से गुमला-रांची होते हुए धनबाद तक बनने वाली सड़क योजना के अंतर्गत ओरमांझी से गोला होते हुए बोकारो तक की होगी। इसकी कुल लंबाई 700 किलोमीटर के लगभग होगी। इसके अलावा एक रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे बिछाने की भी योजना है जो बिहार से चलकर झारखंड में प्रवेश कर पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक होगा।

पहला- संबलपुर से रांची तक का प्लान

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ये सभी परियोजनाएं ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट होंगी। यानि कि परियोजना के अंतर्गत जिन फोरलेन सड़कें का निर्माण किया जाएगा, वे खेतों-खलिहानों से गुजरेंगी। इस सड़क में कम से कम घुमावदार मोड़ बनाए जाएंगे। संबलपुर से रांची तक की ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट की लंबाई 146.2 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे ओड़िशा के लिट्टीबेड़ा में यह सड़क प्रारम्भ होगी जो झारखंड के खूंटी जिले से गुजरते हुए रांची के आउटर रिंग रोड में आकर मिल जाएगी। सड़क में घुमाव कम हो, इसके लिए खेतों से होते हुए सड़क निकाली जाएगी। बता दे कि सड़क को फोर और छह लेन बनाए जाने की योजना है।

दूसरा-रायपुर से गुमला-रांची होते हुए धनबाद तक

भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत रायपुर से गुमला-रांची होते हुए धनबाद तक निर्माण किए जाने वाले सड़क योजना के अंतर्गत ओरमांझी से गोला होते हुए बोकारो तक की सड़क योजना को ग्रीन फील्ड में शामिल किए जाने की योजना है। ओरमांझी से गोला होते हुए बोकारो तक बिछाये जानेवाली फोरलेन सड़क के निर्माण कार्य को दो चरणों में विभाजित किया गया है। पहले चरण में ओरमांझी से गोला , दूसरे चरण में गोला से बोकारो तक सड़क का निर्माण किया जाएगा।इस सड़क में गोला के पहले एक टॉल प्लाजा का निर्माण कराया जाएगा।

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प्रस्ताव के मुताबिक, राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 33 ( एनएच 33) पर ओरमांझी से सिकिदिरी होते हुए गोला तक सड़क होगी। फिर गोला से बोकारो तक सड़क का निर्माण किया जाएगा। ओरमांझी से बोकारो तक 60 किलोमीटर तक बनाई जानेवाली यह सड़क बिल्कुल नयी होगी। इस सड़क में ओरमांझी से गोला के बीच 27.8 किलोमीटर की दूरी है। इसमें एक बड़ा पुल निर्माण की भी योजना है। गोला के पहले एक रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कराए जाने की भी बात सामने आई है। इस सड़क में सात पुल और 24 अंडरपास बनाए जाने की योजना है।

ओरमांझी से गोला के बीच में 12 और गोला से बोकारो के बीच में 12 अंडर पास बनाएं जाने की योजना है। जबकि गोला से बोकारो के बीच आठ ओवर पास का निर्माण किया जाएगा। गोला से बोकारो के बीच भी पांच मध्यम साइज के पुल का निर्माण किया जाएगा। पूरी सड़क पर 139 कलवर्ट का निर्माण कराए जाने की भी योजना है।

पांच हजार करोड़ की लागत

बता दे कि इस निर्माण कार्य में पांच हजार करोड़ की लागत आने की सम्भावना है। इन दो एक्सप्रेसवे से झारखंड के विकास को नयी उड़ान मिलेगी। कोलकाता मुंबई, भुवनेश्वर, रायपुर जैसे महानगरों और व्यावसायिक-औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बिलासपुर, पारादीप, संबलपुर सहित कई शहरों से रांची एवं राज्य के कई शहरों की दूरी कम हो जाने से प्रदेश को काफी होगा। मालूम हो कि रांची से कोलकाता के बीच की दूरी लगभग 120 किलोमीटर कम हो जाएगी।

तीसरे एक्सप्रेसवे-बिहार के रक्सौल से हल्दिया तक

झारखंड को तीसरे एक्सप्रेसवे का भी सौगात दिया जा रहा है। तीसरा एक्सप्रेस वे बिहार के रक्सौल से हल्दिया तक बनाया जाएगा। जून 2022 में इसका निर्माण कार्य शुरू किए जाने की योजना है। जानकारी के अनुसार इस एक्सप्रेस-वे का एलाइनमेंट के रक्सौल से दिघवारा आकर प्रस्तावित पटना रिंग रोड में जुड़कर कच्ची दरगाह-बिदुपुर से होकर पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे में जुड़ेंगे। फिर बांका होते हुए सरैयाहाट, नोनीहाट व दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से हल्दिया पोर्ट तक होगा।

छह से आठ लेन का होगा ये एक्सप्रेस-वे

नेपाल सीमा पर स्थित बिहार के रक्सौल से हल्दिया तक निर्माण किया जानेवाला एक्सप्रेसवे छह से आठ लेन का बनाया जाएगा। यह लगभग 695 किमी लंबा होगा, इसके निर्माण पर 54 हजार करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है। इसके निर्माण को पूरा करने के लिए वर्ष 2024-25 का समय निर्धारित किया गया है। मालूम हो कि रक्सैल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे पूरी तरह ग्रीनफील्ड होगा और इसमें बीच में नहीं चढ़ा जा सकेगा। यह बिहार के नौ जिलों से होते हुए गुजरेगा, जिनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सारण, पटना, बिहारशरीफ, शेखपुरा, जमुई और बांका शामिल हैं। इसके बाद यह एक्सप्रेस-वे झारखंड में प्रवेश कर सरैयाहाट, नोनीहाट व दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से हल्दिया पोर्ट चला जाएगा।

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