इस शख्स ने दुनिया भर में फैलाया एड्स! मर्दों से सम्बन्ध बनाने में था गहरा इंटरेस्ट

एक दिसंबर के दिन पूरी दुनिया में वर्ल्ड एड्स डे के रूप में मनाया गया। 1988 में पहली बार विश्व एड्स डे के रूप मे मनाया गया था। इस दिवस का मुख्य उद्येश्य एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। एड्स एक लाइलाज बीमारी है और अब एक इसका कोई इलाज नहीं निकाला जा सका है, लेकिन इसपर नियंत्रण किया जा सकता है। इसके लिए कुछ सावधानियों को बरते जाने की जरुरत होती है। लगातार कई सालों से चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के बाद अब जाकर लोगों मे जागरुकता आई है, और इस बीमारी के बारे मे गलतफहमियां खत्म हुई हैं। लेकिन कुछ ऐसी चीजें अभी भी है जिसके बारे में लोगों को पता नहीं है।

इस शख्स ने दुनिया भर में फैलाया एड्स!

HIV एड्स से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जिसके बारे मे आमलोगो को जानकारी नहीं है। ये खतरनाक बीमारी दनिया भर में कैसे फैली, इसके बारे में ज्यादातर लोगों को अब भी कुछ नहीं पता है। कौन है वो शख्स जिसे सबसे पहले एड्स हुआ था आज इन सभी सवालों का जवाब हम आपको बताने वाले हैं।

जानकारी के मुताबिक दुनियाभर में HIV वायरस इंसानों में चिम्पांजी से फैली। दरअसल यह वायरस अफ्रीका के कांगो के जंगल में रहने वाले एक चिम्पांजी के बॉडी में मौजूद था। 1920 में एक शिकारी द्वारा उस चिम्पांजी को घायल किया. चिम्पांजी की बॉडी से खून निकला और शिकारी की बॉडी से निकल रहे खून से मिल गई। इस प्रकार यह वायरस इंसान की बॉडी में पहुंचा। लेकिन कई सारे एक्सपर्ट्स इससे सहमत नहीं हैं।

ये शख्स है HIV का पहला मरीज

आज हम आपको उस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे HIV का पहला मरीज कहा जाता है। इस शख्स का नाम था गैटन दुगास। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की रिपोर्ट की मानें तो एड्स को फ़ैलाने में इसी गे की भूमिका है। गैटन कैनेडियन एक फ्लाइट अटेंडेंट था। गैटन गे था और कहा जाता है कि उसने जानबूझकर इस बीमारी को कई लोगों में फैलाया था। गैटन को पता था कि उसे एड्स है जो लाइलाज बीमारी है, फिर भी उसने इस बीमारी को कई लोगों में फैला दिया। गैटन दुगास को पेशेंट जीरो के नाम से भी जाना जाता है।

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एड्स से जुड़ी एक और ख़ास बात यह है कि जब अमेरिका में इस बीमारी के बारे में पता चला तो खलबली मच गई। जब पहली बार इस बीमारी के बारे मे पता चला तब से लेकर अगले आठ साल तक करीब 92 फीसदी एचआईवी पॉजिटिव लोग मर्द थे। मात्र आठ प्रतिशत महिलाएं ही इस लाइलाज बीमारी से ग्रस्त थी. धीरे-धीरे इनकी संख्या में बढ़ती गई।

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