केंद्र सरकार ने शनिवार को अनिवार्य हालमार्किंग के मामले में आभूषण की बिक्री करने वाले को कई तरह की राहत दी है। सरकार द्वारा नियमो मे किए गए बदलाव के बारे मे पाटलिपुत्र सराफा संघ के अध्यक्ष एवं हालमार्क पर गठित विशेषज्ञ समिति के सदस्य विनोद कुमार का कहना है इससे एक तरफ पारदर्शिता सुनिश्चित होगी तो वहीं आभूषण की खरीद-बिक्री भी आसान हो जायेगी।
शनिवार को उपभोक्ता मामले के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित मानक भवन में सलाहकार समिति एवं विशेषज्ञ समिति की बैठक आतोजित की गई, जिसमें अनिवार्य हालमार्किंग की समस्याओं को सुलझाया जाना था। बिहार से पाटलिपुत्र सराफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार को भी इस बैठक मे शामिल होने के लिए बुलाया गया था। गौरतलब है कि मंत्रालय की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति के वे सदस्य भी हैं।
विनोद कुमार बताया कि हालमार्किंग यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआइडी) की कई सारे अड़चनें इस बैठक मे दूर कर दी गई हैं। अब से किसी उपभोक्ता द्वारा यदि रत्न जडि़त कोई विशेष आभूषण बनवाया जाता है तो उस एक पीस को भी हालमार्क केंद्र को एचयूआइडी करना होगा। सिंगल पीस आइटम को एक्सआरएफ के आधार पर हालमार्किंग की मंजूरी दे दी गई है। आभूषणों के बड़े लाट और छोटे लॉट में अब कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा और छोटे लाट की भी प्राथमिकता के आधार पर एचयूआइडी की जायेगी। हालमार्किंग सेंटर अब हालमार्क के लिए भेजे किसी भी आग्रह को ठुकरा नहीं सकती।
आभूषणों की परिशुद्धता को सुनिश्चित करना ही सरकार की प्रथमिकता
विनोद कुमार द्वारा इस बात की भी जानकारी दी गई कि केंद्रीय पीयूष गोयल ने यह स्पष्ट किया है कि” एचयूआइडी का डाटा केवल हालमार्क सेंटर तक ही सीमित रहेगा। सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है कि लएचयूआइडी या इससे संबंधित किसी भी आकड़े की छानबीन की जाए। आभूषणों की परिशुद्धता को सुनिश्चित करना ही सरकार की प्रथमिकता में शामिल है। इसके साथ ही यदि सेंटर की ओर से कोई भूल होती है तो इसे सुधार करने का विकल्प भी होगा ।” विनोद कुमार ने आगे कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से इन बातों को लेकर शीघ्र निर्देश जारी होने की उम्मीद है।