बिहार में शराबबंदी कानून पर राज्य सरकार ने लिया अहम् फैसला- इन जगहों पर शराब रखने की दी गई छूट

बुधवार को बिहार कैबिनेट की बैठक में बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद नियमावली 2021 को स्वीकृति दे दी गई। नए नियमावली में मद्य निषेध से जुड़े कई नियमों को स्पष्ट किया गया है। यदि किसी परिसर में शराब का निर्माण, भंडारण, बोतल बंदी, बिक्री या आयात-निर्यात होता है, तो ऐसी स्थिति में पूरे परिसर को सीलबंद कर दिया जाएगा। लेकिन आवासीय परिसर में शराब मिलने की स्थिति में सिर्फ चिह्नित भाग को ही सीलबंद किया जाएगा न कि पूरे परिसर को। छावनी क्षेत्र एवं मिलिट्री स्टेशन को शराब भंडारित करने की अनुमति दे दी गई है, लेकिन शर्त यह है कि कैंटोनमेंट क्षेत्र से बाहर किसी भी कार्यरत कोई सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी शराब नहीं रख सकेंगे या फिर इसका उपभोग नहीं कर सकेंगे।

मादक द्रव्य से लदे वाहनों को राज्य सीमा में आवागमन करने की अनुमति

नये प्रावधान के मुताबिक अनाज एथनाल उत्पादित करने वाली अनाज आधारित डिस्टलरी की 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी, कैमरे की निगरानी में ही यह संचालित होगी। मादक द्रव्य से लदे वाहनों को राज्य सीमा में घोषित चेकपोस्ट से आवागमन करने की अनुमति दे दी गई है। लेकिन शर्त यह होगी कि ऐसे वाहनों को 24 घंटे के अंदर राज्य की सीमा से बाहर निकल जाना होगा। निर्धारित किए गए रूट पर जैसे ही शराब लदी गाड़ी राजय की सीमा में प्रवेश करेगी इसमें डिजिटल लाक लग जाएगा।

अधिहरण का प्रस्ताव मिलते ही जिले के कलक्टर द्वारा इसकी सुनवाई की जाएगी और उचित अवसर प्रदान करते हुए प्रभावी पक्षकार की उपस्थिति में 90 दिनों के अंदर अधिहरण का आदेश पारित की जायेगी। पहली बार के अपराध के मामले मे जमानत के लिए धारा 436 के प्रावधान प्रभावी होंगे। यह भी प्रावधान किया गया है कि कलक्टर के आदेश के विरुद्ध अपील की जा सकेगी जिस पर आयुक्त उत्पाद को 30 दिनों के अंदर आदेश पारित करना अनिवार्य होगा। पुनरीक्षण को पूरा करने के लिए विभागीय सचिव के लिए भी 30 दिनों के अंदर आदेश पारित करना अनिवार्य होगा। अब तक जो नियम प्रभावी थे उसके मुताबिक शराब मिलने पर पूरे घर को सील कर दिया जाता था लेकिन नए कानून के प्रभावी होने के बाद अब ऐसा नहीं होगा।

Manish Kumar