केरल, मुंबई और बंगाल में कोरोना का कहर बढ़ा हुआ है। विशेषज्ञ द्वारा इसे तीसरी लहर का आहट माना जा रहा है। अन्य प्रदेशों में कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बिहार में भी सितंबर माह में मामले बढ़ने की आशंका जता रही है। आने वाले खतरे को देखते हुए सिविल सर्जन की तरफ से जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित अनुमंडलीय अस्पतालों को अलर्ट जारी कर दिया गया है।
सिविल सर्जन ने निर्देश जारी करके कहा कि जिले में कोविड जांच की संख्या बढ़ाई जाए और सामान्य नागरिकों से कोविड नियम का पालन करने की अपील की है। फिलहाल पटना जिले में कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगी हुई है।बुधवार के दिन राजधानी पटना में कोरोना के चार नये मरीज मिले। फिलहाल जिले मे 14 मरीज ही एक्टिव हैं। सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी के मुताबिक स्वास्थ्य से जुड़े वैज्ञानिक व एजेंसियों की तरफ से सितंबर व अक्तूबर में तीसरी लहर की आशंका जतायी गई है।
अलर्ट को देखते हुए विभाग के द्वारा आवश्यक तैयारी की जा रही है। आज से अगले 20 दिन इस सम्बन्ध मे बेहद अहम बताये जा रहे हैं। ऐसे में सभी पीएचसी, सीएचसी व अनुमंडलीय अस्पतालों में वायरल व बुखार के आने वाले मरीजों की कोविड जांच अनिवार्य कर दी गयी है। विशेष रूप से बच्चों को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। जिले के अनुमंडलीय व कुछ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पीकू (पीआइसीयू) बनाये जा रहे हैं। अगर तीसरी लहर की स्थिति होती है तो जिले के अधिकांश सीएचसी में भी 30-30 बेड के कोविड वार्ड बनाने के निर्देश दिये गये हैं। सिविल सर्जन ने डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी व आम लोगों से अपील करते हुए कहा है कि यह लापरवाही बरतने का समय नहीं है।
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