देश मे बन रहा पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज, जहाज आते ही रेल ब्रिज का मध्य भाग जाएगा उठ

तमिलनाडु राज्य मे नया पंबन ब्रिज बनकर जल्द ही तैयार होनेवाला है। गौरतलब है कि यह देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज है, और अब जल्द ही यह बनकर तैयार होने वाला है। साल 2022 के तीसरे महीने यानि कि मार्च माह तक इस परियोजना का काम पूरा होने की संभावना है। रविवार के दिन रेल मंत्रालय की तरफ से यह ऐलान किया गया कि मंडपम (Mandapam) में नए 2.05 किलोमीटर के पंबन रेलवे पुल (Pamban railway bridge) का निर्माण कार्य 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।

देश मे बन रहा पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज

बता दे कि यह ब्रिज रामेश्वरम को तमिलनाडु से जोड़ेगा। नए पुल की लम्बाई 2.07 किलोमीटर होगी। बता दें कि यह पुल उन भक्तों और तीर्थयात्रियों के लिए एक वरदान होगा जो रामेश्वरम 6और धनुषकोडी, तमिलनाडु की आध्यात्मिक यात्रा करना चाहते हैं। जानकारी के मुताबिक पुराने पंबन ब्रिज ने पंबन द्वीप को मुख्य भूमि भारत से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगले कुछ माह में पुराने पंबन ब्रिज को न्यू पंबन ब्रिज से बदल दिया जाएगा, जिसके लिए 280 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि का निवेश किया जा रहा है।

भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल सी ब्रिज

देश मे बन रहा पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज

गौरतलब है कि नया पंबन ब्रिज रेलवे विकास निगम लिमिटेड द्वारा तैयार कराया जा रहा है, जो भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल सी ब्रिज भी होगा। पुराने रेलवे पुल के समानांतर ही इसका निर्माण किया जा रहा है। 2.07 किलोमीटर लंबे इस नए पुल के निर्माण में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। रेल मंत्रालय ने यह भी कहा था कि नए पुल की विशेषता यह है कि यात्रा के दौरान जहाजों को गुजरने की अनुमति देने के लिए इसके मध्य भाग को ऊपर उठाया जाता है। तमिलनाडु में नए पंबन ब्रिज से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा विशेष रूप से तीर्थयात्रा के उद्देश्य से, हर साल बड़ी संख्या में भक्त रामेश्वरम मंदिर और ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने आते हैं।

इस प्रकार की विशेषता से होगी लैस

देश मे बन रहा पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज

निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद भारतीय रेलवे का नया पंबन ब्रिज, 18.3 मीटर के 100 स्पैन के साथ 2 किलोमीटर से अधिक लंबा हो जाएगा और साथ ही 63 मीटर का एक नेविगेशनल स्पैन होगा, जो जहाजों या स्टीमरों की आवाजाही को सक्षम करते हुए, लंबवत रूप से ऊपर की ओर बढ़ेगा। पुराने पुल की बात करें तो जहाजों की आवाजाही को सक्षम करने के लिए शेरज़र स्पैन को मैन्युअल रूप से संचालित किया जाता है। तो वहीं आगामी एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल नियंत्रित प्रणाली से लैस होगा। यह निर्बाध प्रणाली बेहतरीन ढंग से कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और ट्रेन नियंत्रण प्रणाली के साथ इसे इंटरलॉक किया जाएगा।

Manish Kumar