बिहार (Bihar) के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने आज गोपालगंज जिला वासियों को एक बड़ी सौगात दी है। इस कड़ी में तेजस्वी यादव अपने गृह जिला गोपालगंज के मॉडल सदर अस्पताल में 500 बेड का अस्पताल (Modal Sadar Hospital) बनाने की आधारशिला रखी। गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 34 करोड़ 75 लाख रुपए की राशि इस अस्पताल को बनाने के लिए आवंटित की है।
2023 में बनकर तैयार होगा ये मॉडल सदर अस्पताल
बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इन्फ्राट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से इसकी टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इस के शिलान्यास के साथ ही युद्ध स्तर पर इसके भवन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। बता दें इसे पूरा करने का लक्ष्य साल 2023 निर्धारित किया गया है।
एक ही बिल्डिंग में बनेंगे एमरजेंसी और डिलीवरी वार्ड
बिहार सरकार द्वारा दिए जा रहे इस मॉडल सदर अस्पताल को लेकर सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र प्रसाद का कहना है कि फेज-1 में सबसे पहले टीबी विभाग की बिल्डिंग को तोड़ा जाएगा और फिर वहां नया भवन जी प्लस श्री तैयार किया जाएगा। एमरजेंसी और प्रसव वार्ड की बिल्डिंग एक ही भवन में बनाई जाएगी। साथ ही मरीजों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए यहां लिफ्ट की सुविधा भी रखी जाएगी। इसके अलावा बेहतर पार्क और वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा भी अस्पताल के एरिया में मुहैया कराई जाएगी।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा ये अस्पताल
वहीं दूसरे फेज में जनरल वार्ड बनेगा, जिसमें 100 बेड होंगे। अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इन सभी बेड और इंफ्रास्ट्रक्चर मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल का एमरजैंसी वार्ड पहले एक्स-रे कक्ष में चलाया जाता था, लेकिन तत्कालीन डीएम पंकज कुमार ने पुरानी बिल्डिंग की मरम्मत कराकर साल 2014 में एमरजैंसी वार्ड को दूसरे भवन में शिफ्ट कर दिया था। उनका कहना है कि इमरजेंसी वार्ड का भवन हल्की सी बारिश में ही नाले के तालाब जैसा जल से भर जाता है। ऐसे में अब नया भवन बनने के बाद लोगों को इस परेशानी से निजात मिलेगी।
सदर अस्पताल के प्रबंधक सिद्धार्थ कुमार का इस मामले पर कहना है कि फर्स्ट फेज में जनरल हॉस्पिटल के निर्माण का कार्य किया जाएगा, जो जी प्लस 3 का होगा। इसके साथ ही सर्विस ब्लॉक भी बनाया जाएगा। सेकंड फेज में एमसीएच बिल्डिंग बनेगी, जो जी प्लस फोर होगा। थर्ड फेस में 100 बेड का जनरल वार्ड बनाया होगा। साथ ही यहां पर डॉक्टरों के रेंजिडेंस भी बनाए जाएंगे, बत दे ये प्लस 3 के डॉक्टरों और कर्मियों को ड्यूटी के बाद अस्पताल में रहने की स्थिति में पहले से यह तैयारी की जाएगी। साथ ही सुरक्षा गार्ड के लिए भी अलग से एक चेंबर और क्वार्टर का निर्माण किया जाएगा।