मसालेदार खाने और बनाने दोनों की शौकीन रही है लता मंगेशकर, जलेबियाँ थी काफी पसंद

देश में स्वर कोकिला के नाम से मशहूर हुई दिग्गज गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अब हमारे बीच नही रही। 93 साल की उम्र में उन्होंने आज यानी कि रविवार की सुबह 8.12 मिनट में दुनिया को अलविदा कह (Lata Mangeshkar died at the age of 93) दिया है। 8 जनवरी से ही लगातार कोरोना और निमोनिया जैसी बीमारियों से जूझ रही लता जी की तबियत इससे पहले कभी इतनी खराब नही हुई थी और इसके पीछे की वजह उनकी संतुलित जीवनशैली थी। लता जी हमेशा ही अपने खान-पान का बेहद ध्यान रखती थीं। हालांकि वह सीफ़ूड और तीखे मसालेदार खाने की बेहद शौकीन थीं। उन्हें कोल्हापुरी मिर्च खाना बेहद पसंद था।

Lata Mangeshkar

बेहद स्वादिष्ट खाना बनाती थीं लता जी :-

लता जी की आवाज ना केवल उनके गले के कारण बल्कि उनके संतुलित खान-पान के कारण भी बेहद अच्छी रहती थी। तो चलिए ऐसे में आज हम आपको स्वर कोकिला की जीवनशैली के बारे में बताते हैं। सुरों की महारानी लता जी खुद एक बेहद अच्छी शेफ और मेजबान मानी जाती थीं। उनके हाथों में स्वाद था। कहा जाता है कि लता जी के हाथों से बनाया हुआ चिकन जो एक बार खा लेता, वह उसे जिंदगी भर नही भूल पाता है। अपने एक इंटरव्यू में लता जी ने बताया था कि अब बढ़ती उम्र के कारण वह अपना पसंदीदा तीखा और मसालेदार खाना नही खा पाती थीं।

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लता मंगेशकर को बिल्कुल पसंद नही थी सब्जियां :-

एक दौर था जब उन्हें इंदौर के गुलाब जामुन और दही बड़े, गोवन फिश करी और समुद्री झींगे काफी पसंद थे। लता मंगेशकर के ऊपर लिखी गई बायोग्राफी ‘लता सुर गाथा’ के अनुसार उन्हें कड़क और केसर के साथ परोसी गई जलेबिया बेहद पसंद थी और मीठे में उन्हें शाही टुकड़ा ,गाजर का हलवा व केसर बादाम वाला दूध काफी स्वादिष्ट लगता था। इसके अलावा उन्हें कीमा भरा समोसा और ज्वार की रोटी काफी पसंद थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि लता जी को सब्जियां बिल्कुल नही पसंद थी। मगर डॉक्टरों के सलाह के कारण उन्हें विटामिन से भरी सब्जियों का सेवन करना पड़ता था। इसके साथ ही उन्हें नींबू और कैरी का आचार काफी पसंद थी।

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10 सालों से स्पाइसी खाने का सेवन करना कर दिया था कम :-

अपने एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने कहा था कि वह हर दिन सुबह 5 बजे उठ जाया करती थीं। फिर नाश्ते में चाय-कॉफी के साथ बिस्कुट लेती थीं और पिछले 10 सालों से उन्होंने स्पाइसी, ऑयली खाना और आचार का सेवन कम कर दिया था। इसके अलावा अपनी सेहत और गले को ठीक रखने के लिए वह ठंडे पानी से परहेज करती थीं। इतना ही नही वह दही और खट्टी चीजें भी नहीं खाती थीं। आपको बतादें कि लता जी भले ही कितनी भी बिजी क्यों ना रहती थी। वह अपना डिनर नियमित समय यानी कि 9.30 बजे के आसपास कर लिया करती थी।

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