कभी क्रिकेट के शौकीन हुआ करते थे शहाबुद्दीन, इस कांड ने बना दिया बिहार का बड़ा विलेन

बिहार से राजद के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का निधन हो गया है। उनके पीए के बाद अस्‍पताल प्रशासन ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद उनका इलाज दिल्‍ली के पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय अस्‍पताल में चल रहा था। वे फिलहाल दिल्‍ली की तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे थे।

शहाबुद्दीन को था क्रिकेट से प्यार

शहाबुद्दीन की मौत के बाद उनकी जिंदगी से जुड़े अनछुए पहलू सामने आने लगे हैं। क्रिकेट में अच्छी रुचि रखने वाले शहाबुद्दीन के बारे में बहुत कम लोगों को पता है कि उनका क्रिकेट प्रेम बक्सर से ही शुरू हुआ था। दरअसल, शहाबुद्दीन ने अपने जीवन के ढाई-तीन साल यहीं बताए थे। इस दौरान एमपी हाइस्कूल से नवमी-दशवीं की पढ़ाई की थी।

बात 1979-80 की है, तब शहाबुद्दीन के मामा मो.मुस्तकीम बक्सर अनुमंडल कोर्ट में मुंसिफ हुआ करते थे। बेहतर शिक्षा-दीक्षा के लिए उन्होंने शहाबुद्दीन को सिवान से अपने पास बुला लिया था और एमपी हाइस्कूल में उनका दाखिला करा दिया था। वर्ष 1982 तक मो. मुस्तकीम बक्सर में ही रहे और यहीं प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के तौर पर उनकी प्रोन्नति हुई। यहां से जाने के बाद जिला जज के पद से वे सेवानिवृत्त हुए। तीन साल बक्सर में रहने के दौरान पुराना कोर्ट भवन के पीछे बंगला घाट पर वे किराए के मकान में रहते थे। उस दौरान शहाबुद्दीन को क्रिकेट से खासा प्यार था। एक अच्छे क्रिकेटर के तौर पर शहाबुद्दीन से खूब चौके छक्के उड़ाए थे।

तेजाब से नहलाया दिया था दो भाईयों को

कई ऐसे भी किस्से हैं RJD के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के खौफ की कहानी बताते हैं। इनमें सबसे खौफनाक किस्सा है सिवान के तेजाब कांड का। उस वक्त शहाबुद्दीन की जिले में ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में खौफ था। बात 16 अगस्त 2004 की शाम है। सीवान के गौशाला रोड पर राजीव किराना स्टोर में सात-आठ युवकों ने धावा बोल कैश लूट लिया। भरे बाजार में ऐलान किया कि कोई कुछ बोला तो, अंजाम बहुत बुरा होगा। दुकान में बैठे राजीव ने विरोध किया तो उनकी पिटाई कर दी गई। खतरा बढ़ता देख गिरीश बगल के बाथरूम में घुसा और एसिड की बोतल दिखाकर बदमाशों को डराने लगा। बदमाश भागे लेकिन थोड़े देर बाद वापस लौटे।

whatsapp channel

google news

 

इस बार गिरीश, राजीव और सतीश को वहां से अगवा कर प्रतापपुर ले गए। वहां एक बगीचे में गिरीश और सतीश को पेड़ से बांध दिया। राजीव को ईख के खेत में पिस्टल के दम पर बंधक बना लिया गया। तब तक सांसद शहाबुद्दीन वहां हथियारों से लैस शूटरों के साथ पहुंचे। फरमान जारी किया, नहला दो इन लोगों को एसिड से। आदेश मिलते ही दोनों भाई को एसिड से नहला कर मौत के घाट उतार दिया गया। शहाबुद्दीन की खौफ की कहानी रूह कंपा देती है।

Share on