बिहार में एक अक्टूबर से बालू खनन की नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा जिसके तहत सरकार राजस्व के नए दर को निर्धारित कर सकती है। इसके अलावा सरकार ने यह फैसला लिया है कि बिहार के कुछ जिलों में बालू घाटों को नए सिरे से चालू किया जाएगा जिसके लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने अपनी ओर से तैयारियां शुरू कर दी है। ऐसे में कैबिनेट की ओर से मंजुरी मिलने के बाद इसे तुरंत लागू भी कर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि राज्य में करीब पहले से 300 बंदोबस्त नदी घाटों को फिलहाल पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने का इंतजार है और इसके मिलते ही फौरन बंदोबस्त धारियों को जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है। वही अगर खबरों की माने तो पर्यावरणीय स्वीकृति के संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग के मसौदे को भी कैबिनेट की ओर से मंजूरी दी जा सकती है।
जानकारी के मुताबिक, आपको बता दें कि 1 जुलाई से लेकर लगभग 30 सितंबर तक राज्य में बालू का खनन बन्द रहेगा। वही इन महीनों के दौरान खान एवं भूतत्व विभाग ने बालू की उपलब्धता को कन्फर्म करने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है जिसके लिए विभागों की ओर से बंदोबस्तधारियों और लाइसेंसधारी खुदरा बालू बिक्रेताओं को करीब 25 करोड़ सीएफटी बालू का भंडारण 30 जून तक करने का लक्ष्य दिया गया है। इसके अलावा अभी भी अवैध बालू खनन,ढुलाई और भंडारण के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है.
हर महीने 5 करोड़ सीएफटी बालू की खपत
आपको बता दें की हर महीने राज्य में लगभग पांच करोड़ सीएफटी बालू की खपत होती है। ऐसे में इन तीन महीनों के दौरान लगभग 15 करोड़ सीएफटी बालू की जरूरत होग, अभी राज्य के लाइसेंसधारी खुदरा बिक्रेताओं के पास 15 करोड़ सीएफटी बालू उपलब्ध है। सरकार ने नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों को ये निर्देश दिया गया है कि नदी के किनारे से लगभग 300 मीटर दूरी पर वे बालू का भंडारण करे। वही अगर अनुमान की बात करें तो नदी किनारे लगभग 10 करोड़ सीएफटी बालू जमा है। ऐसे 30 जून के बाद ही जांच खान एवं भूतत्व विभाग के अधिकारी कुल बालू भंडारण की जांच कर फाइनल रिपोर्ट देंगे।