राजगीर और मंदार पर्वत के बाद अब गया, रोहतास और कैमूर में शुरू होगा रोपवे, जानें पर्यटन विभाग की योजना

बिहार सरकार बिहार को पर्यटन हब बनाने की दिशा मे लगातार प्रयासरत है, और अब इसका असर भी दिखने लगा है। राजगीर में पर्यटकों को आकर्षित करने की दिशा में काफी काम किए गए हैं। साथ ही वैशाली, कैमूर जिले के मुंडेश्‍वरी, रोहतासगढ़, गया आदि स्‍थलों पर पर्यटन सुविधाओं को विकसित करने की दिशा मे काम किया जा रहा है।

राज्य पर्यटन विकास निगम के सचिव संतोष मल्ल ने बताया कि वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय बनाया जा रहा है, जिसमें 300 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। मुंडेश्वरी, रोहतास गढ़, गया के प्रेतशिला, वाणावर आदि स्थानों पर रोपवे बनाया जा रहा है। इसके अलावा बोधगया में भव्य अतिथिशाला के निर्माण का काम जारी है। दिल्‍ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम मे उन्होंने इन सारी बातों की जानकारी दी।

सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि वाल्मीकि नगर में इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बनाए जाने की योजना है। राजगीर और मंदार पर्वत पर रोपवे चालू भी कर दिया गया है। जल्द ही राजगीर में बहु प्रतिक्षित जंगल सफारी का उद्घाटन भी किया जाएगा। इसके अलावा बौद्ध सर्किट, रामायण सर्किट, सिख सर्किट तथा अन्य सर्किट को भी पर्यटन से जोड़े जाने पर काम किया जा रहा है।

‘भोजपुरी का परिचय और सभ्यता’ विषय पर एक समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें मल्‍ल ने कहा भोजपुरी भाषा की गरिमा पर बोलते हुए कहा कि भोजपुरी भाषा और इसकी संस्कृति का इतिहास काफी पुराना है, यहाँ समृद्ध भाषा है। उन्‍होंने आगे बताया को भविष्य में मैथिली, अंगिका, बज्जिका, मगही तथा अन्य मातृभाषा में राज्य पर्यटन विकास निगम की तरफ से कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

इंडिया इंटरनेशनल दिल्ली के निदेशक केएन श्रीवास्तव ने भोजपुरी इंडस्ट्री पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान में भोजपुरी फिल्में अपने संस्कार से भटक गई है, और जिस तरह से फिल्मों में अश्लीलता चरम पर है, यह चिंता का विषय है। उन्होंने फिल्म कलाकारों सभ्यता और संस्कृति की रक्षा में योगदान देने का आग्रह किया है। वहीं फिल्म अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने लौंडा नाच के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि आज इन कलाकारों की स्थिति विचारनीय है।

भारत सरकार के हाउसिंग बोर्ड के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस समारोह मे अपना विचार प्रकट करते हुए कहा कि बिहार संग्रहालय अपनी विरासत की हिफाजत कर रहा है। आइएएस अधिकारी गंगा कुमार ने इस मौके पर बोलते हुए कहा कि आने वाले समय में इस प्रकार के कई आयोजन किए जाएंगे, जिसमें विभिन्न भाषा, संस्कृति पर बातचीत की जाएगी। कार्यक्रम में स्वागत भाषण पंकज श्रेयस्कर की तरफ से किया गया।

Manish Kumar