1 जुलाई से बिहार मे बदल जाएगा जमीन और फ्लैट के रजिस्ट्री का नियम, अब संपत्ति छुपाना होगा मुश्किल

Land Registration Bihar: 1 जुलाई से बिहार में घर, फ्लैट और जमीन की रजिस्ट्री में एक बड़ा बदलाव आ जाएगा। अब फ्लैट या जमीन की रजिस्ट्री में आधार का वेरिफिकेशन और उससे लिंक करवाना अनिवार्य कर दिया जाएगा। इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। विभाग ने जुलाई से रजिस्ट्री में आधार वेरिफिकेशन को लागू करने का आदेश जारी कर दिया है। जिसके वजह से क्रेता और विक्रेता दोनों को आधार वेरिफिकेशन कराना होगा। उसके उपरांत ही जमीन की रजिस्ट्री संभव हो पाएगी।

ऐसा माना जा रहा है कि इससे फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी और किसी भी प्रॉपर्टी को छिपाना मुश्किल हो जाएगा। वर्तमान में जमीन, मकान या फ्लैट आदि की रजिस्ट्री के दौरान क्रेता और विक्रेता का मोबाइल नंबर तथा आधार नंबर तो डीड पर अंकित होता है परंतु इसे डिजिटल तरीके से प्रयोग नहीं किया जाता है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने जमीन और फ्लैट आदि की रजिस्ट्री को पारदर्शी बनाने के लिए इसमें आधार वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। जिसके बाद अब राज्यों में इसे लागू किया जाना है। मध्य प्रदेश इसे लागू कर चुका है, अब बिहार में 1 जुलाई से इसे लागू किया जाना है। इसे लेकर निबंधन विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। पटना में आधार वेरिफिकेशन के बाद ही रजिस्ट्री की जाएगी।

कैसे करेगा काम

इसे प्रयोग में लाने के लिए हर रजिस्ट्री कार्यालय में एक डिजिटल सॉफ्टवेयर मशीन लगाई जाएगी, जिसमें क्रेता और विक्रेता दोनों का फिंगरप्रिंट और आंख से आधार कार्ड वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके बाद यह डिजिटल रूप से उस संपत्ति के साथ लिंक हो जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद ही जमीन या फ्लैट की रजिस्ट्री हो पाएगी। जिला सब रजिस्टार तारकेश्वर पांडे ने बताया कि 1 जुलाई से जमीन, मकान फ्लैट आदि की रजिस्ट्री में क्रेता और विक्रेता दोनों का आधार वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा इसके बाद ही निबंधन की प्रक्रिया होगी। इससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी और संपत्ति को गुप्त रखना भी मुश्किल होगा।

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