पटना से उत्तर बिहार की यात्रा अब और भी आरामदायक हो जाएगी, क्योंकि रेलवे से उत्तर बिहार का सफर अब और भी आसान होने वाला है। राजधानी पटना से सोनपुर, हाजीपुर, सिवान, छपरा और गोपालगंज से होते हुए यूपी जाना भी अब काफी आसान हो जाएगा। आपको बता दें कि इस रूट पर ट्रेनों अब पूरी रफ्तार से दौड़ेगी। दरअसल इस रूट मे पहलेजाघाट- पाटलिपुत्र रेलखंड पर एकहरी रेलवे लाइन होने से बाधा होती है, जिसे अगले साल मार्च तक दूर कर लिया जाएगा। अप और डाउन लाइन के लिए अलग-अलग ट्रैक की सुविधा होने से इस रेलखंड से होते हुए अन्य ट्रेनें भी परिचालित की जा सकेगी।
विद्युतीकरण तथा सहित दोहरीकरण हो रहा
पाटलिपुत्र से पहलेजा घाट के बीच विद्युतीकरण तथा सहित दोहरीकरण किए जाने पर तेजी से काम हो रहा है। गौरतलब है कि 11.50 किलोमीटर लंबे पाटलिपुत्र-पहलेजा घाट के दोहरीकरण किए जाने के प्रोजेक्ट को वर्ष 2016-17 में ही मंजूरी दे दी गई थी, इस कार्य के लिए 159 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर सरकार ने स्वीकृति प्रदान की थी। 2021 के दिसंबर तक इस दोहरीकरण परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके पूरा होने की उम्मीद है।
रेलवे के अधिकारियों द्वारा इस बात की भी जानकारी दी गई कि उत्तर तथा दक्षिण बिहार को रेल लिंक से जोडऩे के लिए रेल पुल के निर्माण की जरुरत महसूस की गई। इस जरुरत को पूरा करने के उद्येश्य से साल 1997-98 में 600 करोड़ रुपये की लागत से पटना में गंगा नदी पर रेल पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी गई थी। इसके अलावा, महात्मा गांधी सेतु के विकल्प के रूप में 2006-07 में रेल पुल के कार्य का दायरा बढ़ा दिया गया और इसे रेल सह सड़क पुल में परिणत किया गया। इस निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 1389 करोड़ रूपये की लागत का अनुमान लगाया गया। 12 मार्च 2012 को संशोधित लागत 2921.46 करोड़ रुपये के लिए मंजूरी प्रदान की गई। इसके साथ ही 12 मार्च 2016 को इस रेल पुल का उद्घाटन किया गया।
पुल में कुल 38 स्पैन, 36 की लंबाई 123 मीटर
11 जून 2017 को सड़क संपर्क की भी शुरुआत की जा चुकी है। बता दें कि इस पुल में कुल 38 स्पैन हैं, जिनमें 36 की लंबाई 123 मीटर है और अन्य दो की लम्बाई 64 मीटर है। तो वहीँ पुल की लंबाई 4.56 किलोमीटर एवं नई रेल लाइन की कुल लंबाई 28.40 किलोमीटर है। दो लेन वाले इस पुल के सड़क वाले हिस्से की चौड़ाई 9.075 मीटर है तथा सड़क के दोनों तरफ 1.5 मीटर चौड़े फुटपाथ का प्रावधान भी किया गया है।
उत्तरी छोर पर पहलेजा घाट स्टेशन तो दक्षिणी पर पाटलिपुत्र स्टेशन
दरअसल यह पुल उत्तरी छोर पर छपरा-हाजीपुर लाइन को परमानंदपुर एवं सोनपुर स्टेशन से होते हुए तथा दक्षिणी छोर पर, दिल्ली-हावड़ा लाइन को फुलवारीशरीफ एवं दानापुर स्टेशन होते हुए जोड़ने का काम करता है। पुल के उत्तरी छोर पर पहलेजा घाट स्टेशन एवं दक्षिणी छोर पर पाटलिपुत्र स्टेशन का निर्माण किया गया है। उल्लेखनीय है कि पुल के दोहरीकरण का काम पूरा होने से पटना के आस-पास उत्तरी बिहार मे स्थित विभिन्न शहरों जैसे सोनपुर, हाजीपुर, छपरा, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी एवं बेतिया इत्यादि के लिए यात्री एवं माल यातायात पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगा।
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