पैसेंजर के भाड़े मे मिलेगा राजधानी-शताब्‍दी के रफ्तार का मजा, रेलवे जनसामान्‍य के लिए चलाएगी पुश-पुल ट्रेनें

Written by: Manish Kumar | biharivoice.com • 25 अक्टूबर 2023, 7:19 अपराह्न

Railway News: भारतीय रेलवे आम लोगों को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रहा है. इस ट्रेन में लोगों को कम किराए में शानदार सफर का मजा मिल सकेगा।

Railway News: भारतीय रेलवे जल्द जनसामान्य लोगों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने जा रही है। इस ट्रेन में लोगों को कम किराए में शानदार सफर का मजा मिल सकेगा। इसके तहत केंद्र सरकार देशभर के 100 प्रमुख रेलमार्गों पर पुश-पुल ट्रेनों का परिचालन करने की तैयारी कर रही है। बनारस लोकोमोटिव वर्क्स में 600 पुश-पुल ट्रेन का उत्पादन करने के लिए टेंडर जारी जल्द किए जाएंगे। इसमें से 100 इंजनों से स्पेशल नॉन एसी पुश-पुल ट्रेन चलाई जाएगी। इन ट्रेनों की रफ्तार राजधानी-शताब्दी के जैसे ही 130 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी।

जनसामान्य के लिए स्पेशल ट्रेन नवंबर महीने के पहले सप्ताह से दिल्ली-मुंबई-पटना के बीच चलने की उम्मीद है। दिल्ली से चेन्नई हैदराबाद के बीच भी यह ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है। ऐसे अभी तक रेलवे की तरफ से इस पर मुहर नहीं लगी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रेलवे बोर्ड के सूत्रों से पता चला है कि 600 पुश-पुल इंजन का उत्पादन करने में 15000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। शुरुआत में प्रयोग के तौर पर 100 इंजनों से पुश-पुल ट्रेन चलाई जाएगी और बाकी के इंजनों से मालगाड़ी की धुलाई की जाएगी।

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देखा जाए तो मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों से दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब और दक्षिण भारत काम करने जाते हैं। इसलिए बिहार से इन औद्योगिक शहरों के बीच ऐसी  जनसामान्य ट्रेनें चलाई जाएगी। इन ट्रेनों में 23 कोच रहेगी जिसका किराया सामान्य श्रेणी का ही रहेगा। परंतु इन ट्रेनों की रफ्तार राजधानी शताब्दी के तौर पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रहेगी।

क्या होती है पुश-पुल ट्रेन (Railway News)

पुश-पुल ट्रेन के दोनों सिरों में इंजन का उपयोग किया जाता है जिसमें आगे का इंजन ट्रेन को खींचता है वहीं  ट्रेन के पीछे लगा इंजन ट्रेन को धक्का देता है। इस तकनीक से ट्रेनों की गति में काफी इजाफा हो जाता है। इसके अलावा अगली यात्रा के लिए भी ट्रेन को शटिंग या फिर डाइवोर्स करने की जरूरत नहीं पड़ती। इस तकनीक के जरिए ट्रेन को काफी तेजी से चलाया जा सकता है और स्टेशन पर रुकने का समय भी काम हो जाता है।

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Manish Kumar

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