मंगलवार को राज्य के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने अधिवेशन भवन में वाणिज्य उत्सव का उद्घाटन किया, इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक माहौल तैयार हो रहा है। सरकार घरेलू उत्पादों के निर्यात किए जाने पर काफी जोर दे रही है। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रदेश के उत्पादों को दुनिया के 75 देशों में निर्यात किया जाएगा। इन उत्पादों में भागलपुरी सिल्क, खादी वस्त्र, मखाना, चावल, सब्जियों आदि होंगे। उद्योग मंत्री ने इस दौरान यह भी बताया कि पिछले छह माह में 35 हजार करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्ताव आया है। 897 करोड़ के निवेश के स्वीकृति भी मिल चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार निवेशको को आकर्षित करने में सफल हुई है।
शाहनवाज हुसैन ने बताया कि सरकार आक्सीजन पालिसी बना ली है। एथनाल के क्षेत्रों में भी हाल के वर्षों में काफी तरक्की हुई है। उन्होंने बताया कि गन्ना विभाग से 2900 एकड़ जमीन मिली है। उसे विकसित किया जाएगा। राज्य में निर्यात निगम में भी सुधार लाया जाएगा। उन्होंने राज्य के सभी जिला उद्योग केंद्रों पर निर्यात निगम के एक कमरा होने की भी बात कही। उद्योग मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में सिल्क उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है, इसके लिए इंडियन सिल्क एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (आइएसईपीसी) का क्षेत्रीय कार्यालय खोला जाएगा और वहां पर भवन पहले से ही तैयार है। अगले दो-तीन महीने में क्षेत्रीय कार्यालय का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। बिहार के सिल्क उत्पाद का अब सीधे निर्यात किया जा सकेगा।
निर्यात के क्षेत्र में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा बिहार
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अपर सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि निर्यात के क्षेत्र में बिहार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। यहां से पेट्रोलियम उत्पाद, वस्त्र, मखाना, फल-सब्जी एवं दवाओं का निर्यात हो रहा है। पिछले साल बिहार ने 1200 करोड़ रुपये का निर्यात किया है, लेकिन फिर भी देश के कुल निर्यात में बिहार की हिस्सेदारी महज 0.52 फीसदी ही है।
आइएसईपीसी के पूर्व चेयरमैन डा. बिमल मावंडिया बताते हैं कि बिहार में निर्यात की असीम संभावनाएं हैं। विशेष रूप से सिल्क के निर्यात को बढ़ावा देकर भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा प्राप्त की जा सकती है। कार्यक्रम में बिहार उद्योग संघ के अध्यक्ष राम लाल खेतान सहित कई लोग शामिल हुए थे। इस अवसर पर बड़ी संख्या मे स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी लगाईं गई है। खादी से बने कपड़ो के साथ ही मखाना के कई स्टाल लगाए गए हैं। इसके अलावा जूट उद्योग से जुड़े भी कई स्टाल हैं।
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