पटना NIT हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराने वाला देश का पहला संस्थान होगा, 2021-22 सत्र होगी शुरूआत

एनआइटी पटना में अब से हिंदी में भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराई जायेगी, संस्थान इसके लिएआवश्यक तैयारियाँ कर रहा है । गौरतलब है कि यह देश का पहला संस्थान होगा, जहां इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स हिंदी भाषा में भी पढ़ाई कर सकेंगे। एनआइटी, पटना के निदेशक प्रो पीके जैन ने गुरुवार को इसका ऐलान किया है।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) की तरफ से सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों को सत्र 2021-22 से हिंदी सहित आठ क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने की अनुमति  दे दी गई है। नयी शिक्षा नीति के तहत शिक्षा का माध्यम मातृभाषा किये जाने का प्रावधान रखा गया है। इस नई नीति पर अमल किये जाने के लिए एनआइटी पटना बीटेक फर्स्ट इयर की पढ़ाई मे हिंदी माध्यम का भी विकल्प शुरू करने जा रहा है।  2021-22 नए सत्र से इसकी  शुरूआत हो जायेगी। जैसे जैसे विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी, अन्य क्षेत्रीय भाषाओं मे पढ़ाई का भी विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा। प्रो जैन ने यह भी बताया कि एनआइटी- पटना नयी शिक्षा नीति का पालन करने के लिए तत्पर है। नये-नये कोर्स व नये पाठ्यक्रम डिजाइन करने पर काम किया जा रहा है।

प्रो जैन ने यह भी  बताया कि फर्स्ट इयर में करीब एक हजार स्टूडेंट्स होते हैं, इनमें जो भी छात्र हिंदी माध्यम से बीटेक की पढ़ाई करना चाहेंगे, उनके लिए अलग सेक्शन होगा। छात्रो को अलग-अलग सेक्शन में बाँट कर हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कराई जाएगी। एक सेमेस्टर में करीब छह पेपर होते हैं। आरम्भिक दौर में छह में से तीन से चार विषयों की पढ़ाई हिंदी में होगीशिक्षकों ने इसके लिए सहमति दे दी है।

स्टूडेंट्स को अपना सेक्शन चुनने की आजादी

नया नियम केवल फर्स्ट इयर से ही शुरू होगा। स्टूडेंट्स को अपना सेक्शन चुनने की आजादी होगी। स्टूडेंट्स हिंदी और अंग्रेजी दोनों सेक्शन में पढ़ाई कर सकेंगे। शुरुआती दौर में शिक्षक एक साथ ही सभी स्टूडेंट्स को हिंदी में पढ़ायेंगे, क्योंकि हिंदी भाषी स्टूडेंट्स की संख्या यहां 70% से अधिक रहती है। प्रो जैन ने यह भी कहा कि हिंदी में बीटेक की पढ़ाई शुरू किए जाने से क्षेत्रीय भाषा का विकास होगा। इससे इंजीनियरिंग की पढ़ाई को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एनआइटी- पटना में भी हिंदी में कार्य किया जा रहा है। इसके लिए काफी पहले ही विचार किया गया था लेकिन कोराना के चलते कार्य की गति कुछ मद्धिम हो गई। अब डेवलपमेंट के साथ-साथ नये-नये कोर्स तैयार करने का काम तेजी से किया जा रहा है।

Manish Kumar