नागपंचमी के दिन बिहार के इन जिलो मे लगता है सापों का मेला, लोग गले मे लपेट दिखाते हैं करतब

हिन्दू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। सावन में शिव की आराधना का विशेष महत्त्व है। भगवान शिव के साथ साँपो की भी पूजा की जाती है। वैसे तो नागपंचमी 13 को है लेकिन राज्य के कई हिस्से में गुरूवार को नागपन्चमी मनाया गया। इस दौरान बेगूसराय और समस्तीपुर से कुछ ऐसे दृश्य सामने आए है जो आश्चर्य उत्पन्न करने के साथ ही लोगों के बीच आकर्षण का भी केंद्र बना हुआ है।

बेगूसराय मे भी लगता है सपाओं का मेला

snake fair in bihar

बेगूसराय के मंसूरचक प्रखंड के आगापुर गांव में कुछ ऐसी ही दृश्य देखने को मिली है। सैकड़ो शिवभक्त इस अवसर पर पोखर से जहरीले सांप निकालकर अपना करतब दिखाते हैं जिसे देखने लोग दूर दूर से आते हैं। गाँववालों का कहना है कि वर्ष 1981 मे भगवती स्थान की स्थापना की गई जिसके बाद से गांव में कभी कोई अनहोनी की घटना नहीं हुई। लोगों का कहना है कि भगवती गाँव की रक्षा करती हैं।

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source etv

यहाँ नागपंचमी के दिन भगत के द्वारा सांप पकड़ने परंपरा की वर्षो पुरानी है।अब यह इलाका सांप के करतब दिखाने के लिए का प्रसिद्ध स्थान बन चुका है। यहाँ विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद भगत गांव में स्थित पोखर से सैकड़ों की तादाद मे विषैले सांपों को अपने हाथों से निकालते हैं और इनका करतब दिखाते हैं, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट है। जहरीले सांपों को पानी से निकालने और उसका करतब दिखाने के पीछे का रहस्य आज तक लोगों के बीच कौतुहल का विषय बना हुआ है।

समस्तीपुर मे भी लगता है कुछ ऐसा मेला

समस्तीपुर के विभूतिपुर थाना क्षेत्र में स्थित के सिंघिया घाट पर भी हर साल कुछ ऐसा ही होता है। यहां भी प्रत्येक साल नागपंचमी के अवसर पर सांप लेकर हजारों की संख्या में झुंड बनाकर लोग इस नदी के घाट इकठ्ठा होते है और फिर अपने हाथों व गर्दन में सांप को लपेट कर करतब दिखाते है। इस सांप मेला को देखने के लिए दूर दूर से लोग यहाँ आते हैं।कहा जाता है कि यहां पर यह मेला 100 वर्षों से लगाया जाता रहा है। मेला में विभूतिपुर के पूर्व विधायक राम बालक सिंह भी पंहुचे थे। उन्होंने कहा कि यह बिहार का सबसे बड़ा सांप मेला है, जिसे सभी श्रद्धापूर्वक मनाते हैं।

Manish Kumar

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