अब यूरिया की बोरी के बदले आया नैनो लिक्विड यूरिया की बोतल, किसान की फायदा ही फायदा

बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रसाद सिंह ने आज नए नैनो लिक्विड यूरिया की शुरुआत की है। अब जल्द ही नैनो यूरिया लिक्विड बाजार मे मिलेगा। ऐसा दावा किया जा रहा है कि नैनो लिक्वि यूरिया फसल के उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कृतिमान स्थापित करेगा। नैनो यूरिया लिक्विड मे 500ml, 200ml की छोटी-छोटी प्लास्टिक की बोतल में उपलब्ध होगी। ऐसा कहा जा रहा है कि इसकी एक छोटी सी  45 किलो के यूरिया की बोरी के बराबर असरदार होगी। नैनो लिक्विड यूरिया का पौधों की जड़ में नहीं बल्कि पत्तियों पर छिड़काव किया जाएगा आइए जानते हैं नैनो लिक्विड यूरिया के सारी खासियत:-

  • नैनो लिक्विड यूरिया एक उच्च क्षमता वाला खाद है.
  • यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना पौधों को पोषण देता है.
  • परंपरागत नाइट्रोजन यूरिया से यह बेहतर विकल्प है.
  • 45 किलो यूरिया के बदले 400ML नैनो यूरिया पर्याप्त है.
  • यरिया से अधिक फसल उत्पादन को बढ़ावा देता है.
  • इसमे नाइट्रोजन का बेहतर उपयोग होता है.
  • यह मिट्टी, जल और पर्यावरण प्रदूषण बहुत कम करता है.
  • मिट्टी की गुणवत्ता इससे सुधार होगा.
  • यूरिया की बढ़ती मांग को यह बेहतर विलकल्प साबित होगा.
  • इससे फसल उत्पादन की लागत बेहद कम हो जाएगी.
  • यह नैनो यूरिया सब्सिडी वाले यूरिया से भी सस्ता है.
  • सरकार के उर्वरक सब्सिडी में भी बचत होगी.
  • उवर्रक आयात पर विदेशी मुद्रा के खर्च में कमी आएगी

दोनों की तुलना

गौर मतलब है कि यूरिया के दानों का फसल पूरी अच्छी तरह से उपयोग नहीं कर पाते। इसका ज्यादातर हिस्सा बर्बाद हो जाता है। इससे मिट्टी, जल और वायु भी प्रदूषण होने के कारण  यह पर्यावरण के लिए काफी नुकसान दायक है। वही नैनो लिक्विड यूरिया इसकी तुलना में काफी ही फायदेमंद है। इसका  छिड़काव पौधे के पत्तों पर किया जाना है। इससे पौधे पतियों से अपना जरूरी प्रोटीन, अमीनो एसिड ग्रहण कर लेंगे।

इस तरह से करे प्रयोग

इसके बेहतर परिणाम के लिए उसका पहला प्रयोग पौधे की बढ्ने के समय तथा दूसरा प्रयोग पौधों के फूल आने समय किया जाना सही होगा। 200ml की एक बोतल एक बोरी यूरिया के बराबर काम करेगी। इससे फसल तो अच्छी होगी ही साथ ही साथ पर्यावरण का भी नुकसान होने से बच जाएगा।

जांच के सुरीक्षित पाया गया

आपको बता दें कि  नैनो लिक्विड यूरिया की जांच भारत सरकार की विभाग डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी यानी डीबीटी की ओर से किया जा चुका है। इस जांच में ऐसा पाया गया कि यह नैनो लिक्विड यूरिया  किसान और पर्यावरण क्षति से बचाने के लिए काफी सुरक्षित है। सारे प्रयोगों में ऐसा देखा गया कि किसान को ₹2000 प्रति एकड़ का अतिरिक्त मुनाफा इसके उपयोग से हो पाएगा।

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प्रयोग और कीमत

इसका उपयोग दलहन अनाज, तिलहन, सब्जियां, सभी प्रकार के फलों पर कर सकते हैं जहां तक की कीमत की बात है तो इसकी 500ml प्राइस कीमत ₹240 है।  इस पर अभी कोई सब्सिडी नहीं दी जाएगी।

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