नीतीश सरकार सबको देगी जमीन! भूमिहीन परिवारों को लेकर आया बिहार सरकार का बड़ा फैसला

Bihar Landless survey: बिहार सरकार राज्य के भूमिहीन परिवारों के लिए एक नई सौगात लेकर आई है। दरअसल सरकार की ओर से भूमिहीन परिवारों की पहचान के लिए इस महीने के आखिरी से एक सर्वेक्षण शुरू किया जाएगा। यह सर्वेक्षण राज्य के हर हिस्से में होगा। इस दौरान विभिन्न श्रेणियों के बीच सबसे गरीब वर्ग के उन परिवारों की पहचान की जाएगी, जो पूरी तरह से भूमिहीन है। इस दौरान एक विस्तृत अध्ययन भी किया जाएगा। इस बात की जानकारी खुद बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह की ओर से साझा की गई है। उन्होंने इस सर्वेक्षण की जानकारी के साथ बताया कि यह सर्वेक्षण एक विशेष एप्लीकेशन के जरिए किया जाएगा, जिसे औपचारिक रूप से 25 अप्रैल को लॉन्च किया जाएगा और 30 मई तक इस सर्वेक्षण को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

भूमिहीन परिवारों की पहचान के लिए होगा सर्वेक्षण

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने इस सर्वेक्षण की जानकारी साझा करते हुए बताया कि भूमिहीन किसानों को पहले दी गई भूमि की स्थिति के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी। इस सर्वेक्षण के तहत यह भी पता लगाया जाएगा कि जिन भूमिहीन परिवारों को पहले सरकार ने जमीन दी थी उन्होंने कुछ निजी लोगों को वह जमीन बेच दी है। इस बार इन परिवारों का ब्यौरा भी खंगाला जाएगा, ताकि सरकार से प्राप्त भूमि को अन्य व्यक्तियों को बेचने जैसी अनियमितताओं के मामले पर जांच की जा सके।

भूमिहीन परिवारों को कितनी जमीन देगी बिहार सरकार

गौरतलब है कि बिहार सरकार में राजस्व मंत्री आलोक कुमार मेहता ने सभी भूमिहीन परिवारों को भूमि प्रदान करने के लिए महा गठबंधन सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने की बात कही थी। इस दौरान एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भूमिहीन परिवारों के सर्वेक्षण पर समीक्षा बैठक भी की गई। बता दें कि इससे पहले बिहार सरकार ने आखिरी बार साल 2014 में भूमिहीन परिवारों का सर्वेक्षण करवाया था। इस दौरान सरकार ने भूमिहीन परिवारों को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग सहित विभिन्न श्रेणियों में बांटते हुए 3 से 5 डिसमिल की जमीन दी थी।

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साल 2014 में भी हुआ था भूमिहीन परिवारों का सर्वेक्षण

बता दें कि साल 2014 के सर्वेक्षण के दौरान 24,000 भूमिहीन परिवारों की पहचान की गई थी, जिन्हें अब तक जमीन दे दी जानी चाहिए थी। ऐसे में सरकार की ओर से बयान जारी करते हुए जय सिंह ने बताया कि प्रतीक्षा सूची में शामिल भूमिहीन परिवारों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी और इन्हें जल्द से जल्द जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इन सभी परिवारों को अलग-अलग क्षेत्रों और अलग-अलग समूहों में बसाने के लिए सरकार योजना बना रही है।

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