बिहार (Bihar) में हर साल बाढ़ की तबाही का मंजर देखने को मिलता है। करोड़ों का नुकसान और लोग बेघर रहने को मजबूर हो जाते हैं। बाढ़ अवधि को देखते हुए जिलों को अभी चाहिए आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster management Department) ने तैयार रहने को कहा है। आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल (Sanjay Kumar Agarwal) ने पत्र जारी कर जिलों को निर्देश दिया है कि मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप डीएम संभावित बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी कर ले ताकि उस वक्त किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। कोविड के मद्देनजर सरकार द्वारा सभी निर्देशों का पालन करते हुए तैयार होने को कहा है।
डीएम ने दिए आपदा प्रबंधन विभाग को तैयारियों के निर्देश
विभाग ने कहा है कि बिहार के 15 जिले ऐसे हैं, जो बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। हाल के सालों में यह देखा गया है कि बाढ़ का मुख्य वजह लोकल फल्गू, कर्मनाशा, सोन और पुनपुन नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होना है। इसको देखते हुए इस नदियों पर निगरानी हेतु माइक्रोप्लानिंग करने और 15 जून से पूर्व ही रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराने की बात कही गई है। डीएम को विभाग ने कहा है कि दिव्यांगों, बीमार, एससी, एसटी और गर्भवती महिलाओं की लिस्ट बनाएं।
बाढ़ के समय आश्रय स्थल या या सुरक्षित स्थान पर ले जाने में किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए बाढ़ से प्रभावित गांवों को रेकी करने का आदेश दिया गया है। तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील जगहों पर जाल, बालू का बोरा इत्यादि रखने का आदेश दिया गया है। जिला और प्रखंड मुख्यालय ताकि आने वाली सड़कों को मेनटेंस करने का निर्देश दिया गया है। अकास्मिक फसल योजना पर विचार करने को कहा गया है।
विभाग ने अफसरों को व्हाट्सएप ग्रुप बनाने और पंचायत स्तर के लोगों को प्रशिक्षण देने को कहा है। कहा गया है कि जरूरत के मुताबिक नाव मालिकों से संपर्क साध कर प्रा
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