बिहार (Bihar) के लोगों के लिए खुशखबरी है। दरअसल बिहार कैबिनेट (Bihar Cabinet) ने हाल ही में एक ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसके तहत पुराने वाहनों को कबाड़ में बेचने और नए वाहन खरीदने पर राज्य सरकार मोटर वाहन टैक्स (Nitish Government Scrap Policy) में भारी छूट देने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि सरकार ने निजी वाहनों की खरीद पर 25% तक और व्यवसायिक व्यवसायिक वाहनों की खरीद पर 15% टैक्स में छूट देगी। भारत सरकार (Indian Government) के एक फैसले के मद्देनजर बिहार सरकार (Bihar Government) ने यह फैसला लिया है।
क्या कहती है सरकार की सक्रैप पॉलसी (Nitish Government Scrap Policy)
बिहार सरकार (Bihar Government) के इस फैसले से न सिर्फ प्रदूषण केवल में कमी आएगी, बल्कि साथ ही नए वाहनों की खरीद से राज्य सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा दूसरी ओर राज्यों में सक्रैप यानी कबाड़ के लिए उद्योग विकसित होंगे। सरकार के इस फैसले को लेकर बिहार परिवहन विभाग में उसके पॉलिसी लागू (Government Scrap Policy) करने के मद्देनजर एक अधिसूचना भी जारी की है। परिवहन विभाग के मुताबिक इस मामले में रजिस्ट्रीकरण प्राधिकार विभाग के सचिव व प्रधान सचिव को अपीलीय प्राधिकार अधिसूचना दी गई है।
सरकार के इस नए नियम के मद्देनजर अपनी पुरानी और अनफिट गाड़ी को कबाड़ में स्करैप कराने पर निजी गाड़ी मालिकों को 15 साल तक मोटर वाहन कर में 25% की छूट दी जाएगी, जबकि कमर्शियल गाड़ियों के मालिक को 8 साल तक टैक्स में 15% की छूट मिलेगी।
किसी मिलेगी कितनी छूट
इस मामले में परिवहन विभाग द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक यह स्पष्ट किया गया है कि पुरानी गाड़ी को स्क्रैप कराने के लिए सर्टिफिकेट आफ डिपॉजिट भी दिखाना होगा, जिसके लिए रजिस्ट्रीकरण किया जाएगा। इसके बाद वाहन मालिक को स्क्रेपिंग प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिसे नई गाड़ी लेते वक्त दिखाना होगा। उसके बाद ही 25% छूट या रियायत का उपयोग रजिस्ट्रीकरण की तारीख से 15 साल तक जबकि परिवहन विभाग के मामले में छूट का उपयोग रजिस्ट्रीकरण की तारीख से 8 वर्ष तक के लिए किया जाएगा।
पहले से तय रहेगी कबाड़ केन्द्र की समय सीमा
बता दे परिवहन विभाग जल्द ही इस मामले में कबाड़ केंद्र खोलने के लिए आवेदन आमंत्रित करेगा। कबाड़ केंद्र खोलने वाले से एक लाख निबंध शुल्क जबकि 10 लाख बैंक की गारंटी भी ली जाएगी। हर कबाड़ केंद्र को खोलने की मंजूरी 10 साल तक की दी जाएगी, जिसे 10 साल बाद रिनुअल करा अगले 10 साल के लिए बढ़ाया जाएगा।
खास बात यह है कि किसी भी गाड़ी को स्केप कराने से पहले पुलिस इस मामले की जांच भी करेगी की गाड़ी के मालिकद्वारा दी जा रही गाड़ी उसी की है इसके लिए स्वयं अभिप्रमाणित शपथ पत्र भी देना अनिवार्य होगा
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