‘गुल्लक’ से भी ज्यादा संघर्षों से भरी है अन्नू भैया की असली जिंदगी, कभी रोटी के लिए स्टेशन पर बाटे पम्पलेट

Vaibhav Raj Gupta: एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में लोगों के मनोरंजन का नजरिया भी बदल रहा है। यही वजह है कि आज लोग हॉल में फिल्म देखने से ज्यादा प्लेटफार्म पर वेब सीरीज देखना पसंद करते हैं। इन दिनों ओटीटी प्लेटफॉर्म पर एक से बढ़कर एक वेब सीरीज आ रही है। बीते दिनों आई गुल्लक वेब सीरीज के तीनों सीजन ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर काफी धमाल मचाया था। वहीं इस वेब सीरीज से लोगों के बीच अपनी पहचान खड़ी करने वाले वैभव राज गुप्ता जल्द ही एक नई वेब सीरीज में नजर आने वाले हैं। वैभव राज गुप्ता सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ अपनी निजी जिंदगी को भी साझा करते हैं।

Vaibhav Raj Gupta Aka Annu Bhaiya

संघर्षों से भरी है वैभव राज गुप्ता की निजी जिंदगी

गुल्लक वेब सीरीज से हर घर में अपनी पहचान खड़ी करने वाले वैभव राज गुप्ता को ज्यादातर लोग अनु मिश्रा उर्फ अन्नू भैया के नाम से ही जानते हैं। आज अनु भैया मुंबई का एक जाना माना चेहरा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पहचान को खड़ा करने के लिए उन्हें एक लंबी संघर्ष भरी जर्नी तय करनी पड़ी है। वैभव भले ही आज इंडस्ट्री के एक सक्सेसफुल अभिनेता माने जाते हैं, लेकिन एक दौर में वह मुंबई में नौकरी के लिए भी जगह-जगह धक्के खाया करते थे।

हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में अनु भैया उर्फ वैभव राज गुप्ता ने अपने संघर्ष भरे जीवन का खुलासा किया और बताया कि वह अपने करियर को लेकर बेफिक्र थे। उनके दादा यूपी के सीतापुर के एक बहुत बड़े चित्रकार थे और उनका भी कला के क्षेत्र में खासा लगाव था। उन्होंने बताया कि साल 2017 में मैंने मिस्टर सीतापुर प्रतियोगिता भी जीती थी। स्टेज देखकर मैं काफी इमोशनल हो गया था और यहीं से मैंने मॉडलिंग करने के बारे में और अपना करियर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जोड़ने के बारे में ठान ली थी।

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पिता नहीं चाहते थे कि मैं एक्टर बनूं

मैं एक्टर बनना चाहता था, लेकिन मेरे पिता इसके खिलाफ थे। वह चाहते थे कि मैं सीए की पढ़ाई करुं। वैभव ने आगे बताया कि मैं पिता के सपनों को पूरा नहीं कर पाया। काफी कोशिशों के बाद मैं मुंबई मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई करने आया। दोस्तों के कहने पर मैंने यहां थिएटर ज्वाइन किया और यहां पर मैंने ‘अग्नि और बरखा’ नाम के पहले नाटक में काम किया, जहां मेरे अभिनय को सभी ने सराहना की।

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कॉल सेंटर में काम करने से लेकर पर्चे बांटने तक 

इस दौरान वैभव ने ये भी बताया कि- इसके बाद मैंने अपने पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए कॉल सेंटर में काम करने का मन बनाया। मैंने इंटरव्यू दिया सिलेक्शन भी हो गया। उस दौरान मुझे पैसों की बहुत ज्यादा जरूरत थी, क्योंकि मैं थिएटर में काम करता था और वहां पर पैसे नहीं मिलते थे।

Vaibhav Raj Gupta Aka Annu Bhaiya

वैभव ने बताया- उस समय मैं ट्रेन में सफर किया करता था, तब मैंने कुछ लड़कों को एक एनजीओ के लिए पर्चे बांटते देखा। मैं भी उन लड़कों के साथ एनजीओ में इंटरव्यू देने चला गया। वहां भी मेरा सिलेक्शन हो गया। हालांकि वह मेरे लिए बहुत कठिन काम था, लेकिन मुझे एक जगह पर रुकना था। ऐसे में जवॉइन कर लिया। वहां 6 महीने काम किया, मुझे ₹8000 महीना सैलरी मिलती थी और इसी से गुजारा होता था। थिएटर के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री का रुख किया और गुल्लक के जरिए हर घर में पहचान मिली।

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