नसीरुद्दीन शाह की साली लगती है ‘बालिका वधू’ की ‘दादी सा’, जीत चुकी है नेशनल अवार्ड

छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक अपनी एक खास पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी ने अपने जबरदस्त अभिनय से लाखों लोगों का दिल जीता है। यही नही फ़िल्म “बधाई हो” में अपने दादी के किरदार से सुर्खियों में छाई सुरेखा सीकरी ने इस किरदार के लिए 73 साल की उम्र में फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड भी जीता था। ना सिर्फ डायलॉग बल्कि एक्टिंग में भी सुरेखा का कोई जवाब नही। तो चलिए ऐसे में आज हम आपको एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं जो शायद ही कोई जानता होगा।

थिएटर आर्टिस्ट रह चुकी हैं सुरेखा :-

लगभग 41 साल के लंबे एक्टिंग करियर में सुरेखा ने टेलीविजन और फिल्मों में हर तरह के किरदार निभाए। कॉमेडी से लेकर गंभीर किरदारों में भी सुरेखा ने खुद को ऐसा ढाला की वह एक मिसाल बन गई। वैसे आपको बतादें कि सुरेखा एक थिएटर आर्टिस्ट भी रह चुकी हैं और उन्होंने साल 1978 में राजनीतिक ड्रामे पर आधारित फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ में काम किया था जिसके बाद उन्हें कई सारे हिंदी और मलयालम फिल्म्स और धारावाहिकों में देखा गया।

अपने जीवनकाल में जीते कई अवार्ड :-

यही नही सुरेखा ने अपने जिनवनकाल में दो नेशनल अवार्ड भी जीता था। ये अवार्ड उन्हें साल 1988 में आई फ़िल्म ‘तमस’ और 1995 में आई फ़िल्म ‘Mammo’ फिल्म के लिए मिला था। इसके अलावा सुरेखा ने टेलीविज़न के चर्चित शो ‘बालिका वधू’ में काम कर बेस्ट निगेटिव रोल का अवार्ड भी जीता था। यही नही साल 1989 में उन्होंने ‘संगीत नाटक अकादमी’ की ओर से थियेटर में अपने योगदान के लिए पुरष्कार जीता था।

नसरुद्दीन शाह के साथ जुड़ा था ख़ास रिश्ता :-

फिर उन्होंने साल 2019 में आई फ़िल्म “बधाई हो” में दादी का किरदार निभाकर स्क्रीन अवॉर्ड बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड अपने नाम किया था। बेहद कम लोग ये जानते हैं कि सुरेखा सीकरी नसीरुद्दीन शाह की रिश्तेदार थी। ऐसा इसलिए क्योंकि सुरेखा सीकरी की बहन मनारा सीकरी की शादी नसीरुद्दीन शाह से हुई थी। हालांकि दोनों का रिश्ता ज्यादा दिनों तक टिका नही जिसके बाद एक्टर ने रत्ना पाठक से शादी कर ली थी। 

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कई फिल्मों में किया काम :-

आपको बतादें कि फ़िल्म बधाई हो के अलावा सुरेखा सीकरी ने कई फिल्मों में काम किया है जिनमे परिणति, नजर, लिटिल बुद्धा, नसीम, सरदारी बेगम और सरफरोश शामिल हैं। वहीं टीवी सीरियल की बात करें तो ‘एक था राजा एक थी रानी’, ‘परदेस में है मेरा दिल’, ‘सात फेरे’, ‘बनेगी अपनी बात’ और ‘केसर’ जैसे नाम शामिल हैं।

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