इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर NASA की बड़ी सफलता, बताया इस तकनीक से 5 मिनट में चार्ज होगी कार

Electric vehicle Fast Charging: दुनियाभर के तमाम हिस्सों में इन दिनों इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric vehicle) की मांग तेजी से बढ़ रही है। भारत भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बढ़ती डिमांड से अछूता नहीं है। देश के तमाम हिस्सों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड तो बढ़ रही है, लेकिन ई-ड्राइवरों के सामने सबसे बड़ी समस्या इसकी चार्जिंग (Electric vehicle Charging Problem) को लेकर आ रही है। दरअसल ई-कारों की चार्जिंग में कई घंटों का समय लग जाता है। इसके अलावा देशभर में चार्जिंग स्टेशंस (Electric vehicle Charging Station) की कमी भी लोगों के लिए परेशानी का कारण बन जाती है, लेकिन नासा ने अब एक ऐसी तकनीक तलाश की है जिसके जरिए आप महज 5 मिनट में ही अपनी कार को फुल चार्ज कर सकते हैं।

ई-कारों की चार्जिंग पर क्या है NASA का प्लान

दरअसल हाल ही में प्रूड विश्वविद्यालय ने एक नई तकनीक सबकूल्ड फ्लो बॉयलिंग को विकसित किया है। बता दे ये तकनीक अंतरिक्ष में जाने वाले शिप के तापमान को नियंत्रित करने में सक्षम मानी जाती है। नासा के मुताबिक इस तकनीक से इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने के प्रोसेस के लिए भी काफी मददगार साबित हो सकती है।

5 मिनट में चार्ज होगी इलेक्ट्रिक कार- NASA

इस तकनीक को लेकर नासा का कहना है कि 5 मिनट के अंदर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की ऐसी उपलब्धियां हासिल करने के लिए चार्जर्स को 1400 एंपियर का करंट देना होगा, जो अभी मौजूदा तकनीक से कहीं अधिक ।है नासा ने बताया कि फिलहाल अधिक चार्जर 150 एंपियर से कम सपोर्ट करते हैं। वहीं दूसरी ओर स्पेशल चार्जर 520 एंपियर का करंट फ्लो पास करने में सक्षम है।

कैसे काम करेगी यह नई तकनीक

  • नासा द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक प्रुड यूनिवर्सिटी की तकनीक से चार्जिंग के दौरान होने वाली हीट को रिड्यूस किया जाएगा। साथ ही 2400 तक की वेव्स को डेवलप करना भी इसके जरिए आसान होगा, जो कि अपने मौजूदा समय में तेज चार्जर से 4.6 गुना ज्यादा तेजी से चार्जिंग करने में सक्षम होगा।
  • इस चार्जर से पास होने वाले करंट से किसी तरह का कोई नुकसान भी नहीं होगा और यह बैटरी को कुछ ही मिनटों में फुल चार्ज कर देगा।
  • हालांकि NASA की ओर से इसमें कुछ बदलाव के सुझाव भी दिए गए हैं, जिसके मुताबिक कुछ बड़े बदलाव बैटरी और क्लब स्कूल लेकर करने होंगे, जिसके बाद इसे पूरी तरह से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
  • फिलहाल नासा की ओर से यह नहीं बताया गया है कि यह चार्जर पोर्टेबल हो सकेगा या नहीं… साथ ही इससे संबंधित चार्जिंग स्टेशंस के डेवलपमेंट को लेकर भी अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

चार्जिंग की समस्या से मिलेगी निजात

नासा की ओर से इस तकनीक की मदद से दुनिया भर में इलेक्ट्रिक कारों की चार्जिंग को लेकर खड़ी हो रही परेशानियों का समाधान किया जा सकेगा। नासा का कहना है कि इस चार्जर की टेस्टिंग के दौरान चार्ज होने वाले समय में जबरदस्त गिरावट देखी गई है। ऐसे में आने वाले समय में इस तकनीक को और भी विकसित किया जा सकता है, जिससे इलेक्ट्रिक कारों व अन्य वाहनों को चार्ज करने की परेशानी से भी ड्राइवर को निजात मिलेगी।

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