Prof Lalan Kumar: 2 साल 9 महीने के 23 लाख रुपए के वेतन को लौटाकर सुर्खियों में आने वाले बिहार बीआरए यूनिवर्सिटी (BRA university) के नीतीश्वर कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर ललन कुमार (Prof Lalan Kumar Transfer) एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल हाल ही में उन्होंने सत्याग्रह करने की बात कही थी, जिसके बाद वह लगातार खबरों के गलियारों में सुर्खियां बटोरते नजर आए। इसकी सूचना उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को भी दे दी थी। वहीं अब उनके सत्याग्रह की घोषणा के बाद अब उनके तबादले की खबर सामने आई है।
बिहार के प्रोफेसर ललन सिंह का हुआ तबादला
दरअसल नीतीश्वर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर ललन कुमार को एमपी साइंस कॉलेज भेज दिया गया है। खबरों के मुताबिक यह फैसला उनके सत्याग्रह की शुरुआत से पहले किया गया है। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर रामकृष्ण ठाकुर ने इस मामले में आदेश भी जारी कर दिया है, जिसके मुताबिक विदित हो कि प्रोफेसर ललन कुमार ने 13 सितंबर को बीआरए विश्वविद्यालय के कुलसचिव को एक मेल किया था। उन्होंने शैक्षणिक गुणवत्ता लाने के लिए 15 सूत्रीय मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन सत्याग्रह करने का फैसला लिया था। इसके लिए उन्होंने 28 दिन पहले पत्र दिया था, ताकि मांगों पर कार्रवाई सुचारु रुप से की जा सके।
क्या है ललन कुमार की मांगे
इस दौरान उन्होंने अपने इस पत्र में यह भी कहा था कि मुजफ्फरपुर एवं इसके अंगीभूत विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक वातावरण में आवश्यक सुधार की आवश्यकता है। इस दिशा में कोई आगे नहीं आ रहा, इसलिए सशक्त कदम उठाना पड़ रहा है। समाज के आर्थिक रूप से कमजोर, पिछड़े एवं वंचित वर्ग के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा की जरूरत है। राज्य द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाएं दिनों-दिन अप्रसांगिक और मातृप्राय होती जा रही है।
ट्रांसफर को लेकर क्या बोलें ललन कुमार
वही अब इस तबादले को लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर ललन का कहना है कि उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है। उनके सत्याग्रह को रोकने की यह साजिश रची जा रही है। उनका कहना है कि चाहे कोई कुछ भी कर ले, वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा- छुट्टी मेरा अधिकार है, कॉलेज द्वारा छुट्टी नहीं दी जा रही है… इससे पहले शैक्षणिक सुधार के लिए विश्वविद्यालय को पत्र सौंपने के बाद नीतीश्वर कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार द्वारा प्रोफेशन पर अनुशासनहीनता सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस मामले में प्राचार्य की ओर से रजिस्ट्रार को पत्र भी भेजा गया था और साथ ही 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है।
प्रोफ़ेसर ललन कुमार ने उठाए थे ये सवाल
- शिक्षकों के समान ही छात्रों की उपस्थिति को भी बायोमेट्रिक ऐप के जरिए सुनिश्चित किया जाए।
- विद्यार्थियों की 75% अनुपस्थिति को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए।
- बिहार विश्वविद्यालय के साथ-साथ अन्य अंगीभूत सभी महाविद्यालयों में एक एकेडमिक कैलेंडर सिस्टम भी लागू किया जाए, ताकि इसके जरिए विश्वविद्यालयों में सुचारू शिक्षण व्यवस्था कायम की जा सके।
- लंबित परीक्षाओं को तेज गति के साथ संचालित करने की प्लानिंग की जाए।
- विद्यालय के सभी स्नातकोत्तर विभागों एवं महाविद्यालयों में केंद्रित वर्ग संचालन समय सारणी तैयार की जाए।
- साथ ही इन सभी जानकारियों को वेबसाइट पर भी सुचारू रूप से अपलोड किया जाए।
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