जब पाकिस्तान ने कहा था मुझे लता मंगेशकर दे दो और कश्मीर ले लो, जाने दिलचस्प किस्सा

हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बिच की नोक-झोंक से तो हर कोई वाकिफ है। हालाँकि जिस एक चीज ने दोनों मुल्कों को एक साथ जोड़ रखा था, वो थीं स्वर कोकिला लता मंगेशकर। भारत-पाक के विभाजन के वक़्त केवल देश का बंटवारा नहीं हुआ, बल्कि संगीत प्रेमियों से उनकी चाहिती गायिका लता ताई भी दूर हो गईं। लेकिन दूर होके भी पाकिस्तानी संगीत प्रेमियों ने लता जी को खुद से अलग नहीं किया और वो लगातार इसी कोशिश में लगे रहते थे की लता जी उनके पास आ जाएँ। सबसे हैरानी की बात ये थी की लता जी के लिए वो कश्मीर तक देने के लिए राजी हो चुके थे।

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कश्मीर तक देने को तैयार थे पाकिस्तानी :-

खबरों की माने तो उन दिनों पाकिस्तान की ओर से ऑल इंडिया रेडियो को एक लेटर भेजा गया था। उस लेटर में लता मंगेशकर को लेकर लिखा गया था की ‘चाहे तो हिंदुस्तान कश्मीर को ले ले, लेकिन लता जी को पाकिस्तान को दे दिया जाएं।’ बतादें कि केवल आम जनता ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के कई दिग्गज सिंगर्स भी लता जी के बहुत बड़े फैन थे और इसमें महान गायिका नूर जहां का नाम भी शामिल है।

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अपने एक इंटरव्यू में नूर जहां ने लता मंगेशकर के बारे में बात करते हुए खा कहा था, “वह मेरी तारीफ़ करती हैं, पर सच तो ये है की लता मंगेशकर एक ही हैं। उन जैसा आज तक कोई पैदा नहीं हुआ।” अब आप इन बातों से ये अंदाज़ा तो लगा ही सकते है की लता जी पाकिस्तानियों के लिए कितना महत्व रखती थीं। हिंदुस्तान में रहकर भी लता जी ने पाकिस्तानियों के दिलों में अपनी एक ख़ास जगह बनाई थी जो शायद ही आज तक कोई बना पाया है।

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लता जी के गले पर रिसर्च करना चाहते हैं वैज्ञानिक :-

यूँ तो अबतक संगीत के क्षेत्र में कई महान गायक आये हैं, लेकिन लता मंगेशकर हर किसी से अलग और बेहद ख़ास थीं। उनकी सुरीली आवाज को सुनकर मानों ऐसा लगता था की स्वयं माँ सरस्वती उनके कंठ में विराजमान हैं। उनके चर्चे ना केवल देश बल्कि विदेशों में भी है। तभी तो उनकी सुरीली आवाज हमेशा ही वैज्ञानिकों के रिसर्च का एक अहम् मुद्दा बनी रही। खबरों के अनुसार वैज्ञानिक उनके वोकल कॉर्ड पर रिसर्च करना चाहते हैं। ऐसे में ये हो सकता है की लता जी का गला अमेरिका में रिसर्च के लिए रखा जाए।

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कोरोना पॉजिटिव थीं लता मंगेशकर :-

मालूम हो कि कल यानी की 6 फरवरी को सुबह 8.12 मिनट पर लता मंगेशकर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। तक़रीबन 1 महीने तक कोरोना और निमोनिया जैसी बिमारियों से लड़ने के बाद लता जी ये जंग हार गई और उन्होंने हमेशा-हमेशा के लिए अपनी आँखें बंद कर ली। बता दें कि यूँ इस तरह लता जी का दुनिया से चले जाना किसी बड़े दुःख से कम नहीं है। हर तरफ शोक का माहौल है। लोग लगातार सोशल मीडिया पर लता ताई के निधन का शोक व्यक्त कर रहे हैं।

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