जमीन विवाद पर अब सार्वजनिक होगी कार्रवाई, हर डिटेल ‘पोर्टल’ पर होगी अपलोड

बिहार (Bihar) के तमाम हिस्सों में जमीनी विवाद (Land Dispute Case In Bihar) को जड़ से खत्म करने के लिए अंचलाधिकारी और थानेदार द्वारा की गई हर प्रक्रिया की डिटेल अब आपको भू-समाधान पोर्टल (Bhoomi Samadhan Portal Bihar) पर उपलब्ध कराई जाएगी। अंचल और थाना स्तर पर की गई हर कार्रवाई की जानकारी और साथ ही अनुमंडल और जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा मामले में लिए गए फैसले अथवा दिशा-निर्देश ससमय पोर्टल पर डिटेल में दर्ज किए जाएंगे। विवादित स्थलों की जीआईएस मैपिंग भी कराई जाएगी, ताकि पदाधिकारी थाना आंचल व जिलाधिकारी विवादित स्थल की ऑनलाइन देखरेख कर सके।

पोर्टल पर होगी हर सुनवाई की डिटेल

वहीं इस तरह के मामलों में गृह विभाग ने भूमि विवाद को पारदर्शिता के साथ खत्म करने के लिए मॉनिटरिंग की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। इस दौरान मॉनिटरिंग की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए भू-समाधान पोर्टल को अपडेट कराने के आदेश भी दिए गए हैं। भूमि विवाद कब दर्ज किया गया, समाधान के लिए किस स्तर पर कब बैठक हुई, बैठक में क्या निर्णय लिए गए… इन सब की जानकारी आपको पोर्टल पर दी जाएगी।

जमीनी विवाद के मामले होंगे कम

भूमि विवाद के निपटारे में होने वाली नियमित बैठक ना करने वाले जिला चिन्हित के जाएंगे। गृह सचिव चैतन्य प्रसाद ने कुछ दिन पहले ही जिला अनुमंडल आंचल और थानेवार जिन जिलों में नियमित बैठक नहीं हो रही है,। उनकी रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए थे भूमि विवाद के मामलों को लेकर थाना अचल स्तर पर बने पुलिस अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप से एसडीओ को भी जोड़ने के निर्देश पहले ही दिये जा चुके हैं। ऐसे में इस तरह के पूरे मामले का निपटारा एसडीओ की देखरेख में होगा।

जमीनी विवाद के कारण घटती है अपराध की घटनाएं

भूमि विवाद पर सुनवाई के लिए शनिवार को अंचलाधिकारी और थानेदार की संयुक्त बैठक में ग्राम चौकीदारों की गोपनीयता सूचना को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए हैं। एनसीआरबी के मुताबिक बिहार में अपराध का सबसे अधिक कारण जमीनी विवाद ही माना जाता है।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जमीन के कारण राज्य के तमाम हिस्सों में क्राइम रेट 2.7 फ़ीसदी का है। साल 2021 के आधार पर बात करें तो कुल 3,336 मामले जमीनी विवाद के चलते सामने आए थे। नेशनल काउंसलिंग ऑफ़ अप्लाइड इकोनामिक रिसर्च भू-अभिलेखों के डिजिटाइजेशन और आधुनिकरण के लिए बिहार को पहला स्थान दिया गया है।

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