जानिए किस केस में पप्पू यादव की हुई है गिरफ्तारी, 32 साल पुराना है मामला

जन अधिकार पार्टी के मुखिया और मधेपुरा की पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद बिहार की राजनीति में मानो भूचाल मच गया है। हर आम आदमी यह जानना चाह रहा है कि आखिर पप्पू यादव की गिरफ्तारी क्यों हुई है और उन्हें किस मामले में गिरफ्तार किया गया है। भले ही पप्पू यादव कभी बाहुबली के रूप में जाने जाते थे परंतु पिछले कुछ सालों में इन्होंने अपनी छवि को बदलने की काफी कोशिश की है। आए दिन यह लोगों की मदद में लगे हुए दिखे हैं।इस कोरोना संकट में भी वह लोगों की मदद करते हुए दिख रहे थे।

इस मामले मे हुई गिरफ्तारी

इसके अलावा उन्होंने अभी भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी के एंबुलेंस कांड के लेकर भी चर्चा में आए थे। इन सबके बीच अचानक इनकी गिरफ्तारी के बाद लोग काफी अचंभित हो गए। पप्पू यादव की गिरफ्तारी जिस मामले में हुई है यह मामला 32 साल पुराना है। यह घटना 29 जनवरी 1989 को घटित हुई थी। इस घटना में पप्पू यादव पर आरोप है कि पप्पू यादव अपने तीन साथियों के साथ मिलकर मधेपुरा जिला के मुरलीगंज थाना अंतर्गत मिडिल चौक से रामकुमार यादव तथा उमा यादव का अपहरण किया था। इस घटना की शिकायत शैलेंद्र यादव ने की थी परंतु कुछ दिन के बाद ही दोनों अपृहित व्यक्ति सकुशल वापस लौट आए थे।

इसके 3 महीने बाद पप्पू यादव की गिरफ्तारी हुई, कुछ दिन जेल में रखने के बाद पप्पू यादव को बेल पर बाहर आ गए थे और इसके बाद वह विधायक और एमपी बनते हैं हुए राजनीतिक गलियारे में अच्छी पहचान बना ली है। इस बीच यह पुराना मामला धीरे धीरे पीछे छूटटा चला गया। बताया गया कि लंबे समय से बेल पर आने की बाद इस केस में पप्पू यादव कभी भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। जब 1996 में एक मामला राजनीतिक में अपराधीकरण का आया और इस मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की गई तो सुप्रीम कोर्ट ने एमपी और एमएलए पर दर्ज मुकदमे की सुनवाई और इससे त्वरित निष्पादन के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने का आदेश दिया।

पप्पू यादव के खिलाफ जारी था गैर जमानती वारंट

इसके बाद मधेपुरा के स्पेशल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होती रही। 10 फरवरी 2020 को इस कोर्ट ने पप्पू यादव को गैर जमानती वारंट जारी किया परंतु या गैर जमानती वारंट पप्पू यादव को नहीं मिला। सूत्रों के मुताबिक जब बिहार में पप्पू यादव धुआंधार विधानसभा प्रचार कर रहे थे तब न्यायालय ने पुलिस को शो कॉज नोटिस जारी करते हुए पूछा कि पप्पू यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है तब वह चुनाव प्रचार कैसे कर रहे हैं।

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तब इस मामले में 17 सितंबर 2020 को पुलिस की तरफ से एक आवेदन दिया गया और इस आवेदन में कहा गया कि वारंट की कॉपी चौकीदार से खो गई है जिसके कारण वारंट पर तामील नहीं हो पाया और न्यायालय से वारंट की दूसरी कॉपी के लिए अनुरोध किया। वारंट की दूसरी कॉपी भी जारी की गई फिर भी मधेपुरा पुलिस पप्पू यादव को गिरफ्तार नहीं कर पाई।

पप्पू यादव मधेपुरा में ही रहे परंतु मधेपुरा पुलिस ने उन्हें फरारी बताते हुए धारा 83 के तहत उनके घर की कुर्की जब्ती का वारंट न्यायालय से मांग की। न्यायालय की तरफ से 22 मार्च को पप्पू यादव के घर की कुर्की जब्ती का वारंट भी जारी किया गया परंतु इसके बाद भी यहां की पुलिस ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। परंतु अब पुलिस अचानक ने इस 32 साल पुराने मामले को एक बड़ा हथियार बनाते हुए पप्पू यादव को  गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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