Coaching Classes Guidance Bihar: बिहार में शिक्षा विभाग की ओर से सख्ती रोज बढ़ती ही जा रही है। शिक्षकों, शिक्षा विभाग के कर्मियों के अलावा पदाधिकारियों पर सख्ती और अनुशासन के निर्देश के बाद अब अपर मुख्य शिक्षा सचिव केके पाठक की ओर से कोचिंग संस्थानों के ऊपर भी बड़ा एक्शन लिया गया है। इस संबंध मे जिला के पदाधिकारियों को फरमान जारी कर कहा गया है कि अब कोचिंग संस्थान 9 से 4 बजे के बीच अपना क्लासेस नहीं चला सकते। आइए इसे लेकर पूरी विस्तृत खबर और नियम जानते हैं।
कोचिंग इंस्टीट्यूट एक्ट 2020 के तहत कार्यवाही (Coaching Classes Guidance Bihar)
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक सभी कोचिंग संस्थान को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाए। इस भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट एक्ट 2020 को कारगर बनाने की जरूरत, है ताकि स्कूलों में शिक्षकों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जा सके। कोचिंग संस्थान का यह नियम 31 अगस्त 2023 के बाद पूरी सख्ती से लागू किया जाए।
इसके लिए सभी डीएम को अगस्त में 3 चरणों में अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में शीघ्र ही विस्तृत नियमावली लाने की बात कहीं गई है, जिसमें डीएम के पास कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई करने और उसके निलंबन रद्द करने के अधिकार होंगे। जब तक यह यह नियमावली जारी नहीं की जाता तब तक डीएम को चरणबद्ध तरीके से कोचिंग संस्थानों को इस संबंध आगाह करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इन 3 चरणों से होगी कोचिंग पर एक्शन
यह पूरा अभियान 3 चरणों में किया जाएगा जो 1 अगस्त से शुरू होगा। 1 से 7 अगस्त तक जिले की सभी कोचिंग संस्थानों की सूची बनाई जाएगी, जिसके बाद 8 से 16 अगस्त तक कोचिंग संस्थानों के संचालकों की बैठक करेंगे और उन्हें आगाह करेंगे, वही 16 से 21 अगस्त के बीच इसके लिए दंडाअधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। इस दौरान आदेश का उल्लंघन करने वाले को लिखित चेतावनी दी जाएगी। फिर भी जो कोचिंग संस्थान 31 अगस्त के बाद अपनी गतिविधियों में सुधार नहीं करते हैं उनके उपर नियमानुसार कार्यवाही किया जाएगा।
कोचिंग संस्थानों को जारी किए गए यह तीन आदेश
- विद्यालय अवधि यानी कि सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे के बीच अपने कोचिंग संस्थान में क्लास ना रखें इस अवधि के बाद यह पहले वह कक्षा चलाने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं
- अपने यहां सरकारी या गैर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों व कर्मी को टीचिंग फैकेल्टी के रूप में ना रखें।
- संचालन मंडल में अगर कोई कार्यरत सरकारी कर्मी या पदाधिकारी रखा गया हो तो इसकी सूचना डीएम को अवश्य दें।
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गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जब से अपना पदभार संभाला है तब से एक्शन मोड मे हैं। वे स्कूल शिक्षा को लेकर काफी गंभीर दिखाई दे रहे हैं। शिक्षकों की उपस्थिति उनकी प्राथमिकी की मानी जा रही है। इसके लिए वह तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। केके पाठक के अपर सचिव बनने के बाद शिक्षा विभाग के कर्मियों और अधिकारियों में मानो हरकंपमच गया है।
जीएसटी लेना होगा जरूरी
बता दें कि कोचिंग संस्थान और हॉस्टल को जीएसटी लेने की भी बात कही जा रही है। राज्य भर मे चलने वाले कोचिंग और हॉस्टल का सर्वे किया जाएगा और जिस किसी का भी सालाना आय 20 लाख से अधिक होगा उन्हे जीएसटी लेना होगा। 18 परसेंट उन्हें टैक्स के रूप में देना होगा। इसके संबंध में भी अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया गया है। जीएसटी नंबर लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
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