रामनवमी पर मांसहारी भोजन खाने से रोका तो JNU में मचा बवाल, आपस में भिड़े दो समूह, कई घायल

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में हुआ हंगामा लगातार बढ़ता जा रहा है। दरअसल परिसर में रविवार दोपहर छात्रों के दो समूहों रामनवमी के मौके पर हॉस्टल की कैंटीन में बने नॉनवेज खाने (JNU Meat Controversy) को लेकर आपस में भिड़ गए, जिसके बाद दोनों समूहों में हाथापाई शुरू हो गई। यह पूरा मामला जेएनयू के कावेरी हॉस्टल में दोपहर करीब 3:30 बजे शुरू हुआ। इस दौरान जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ ने आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने सचिव के साथ मारपीट की और कर्मचारियों को हॉस्टल में नॉन वेज खाना (JNU Non-Veg Violence) परोसने से भी रोका।

JNU Meat Controversy

जेएनयू में फिर हुआ विवाद

दूसरी ओर इस मामले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा एबीवीपी ने इस मामले में दावा किया कि वामपंथी संगठनों के सदस्यों ने हॉस्टल में एक पूजा आयोजित करने से रोकने की कोशिश की। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव किया और उनके सदस्यों को घायल करने का आरोप लगाया, जिसके बाद इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई और पुलिस को कैंपस में बुलाया गया।

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एफआईआर दर्ज, जांच के बाद होगी कार्रवाई

वही रामनवमी के मौके पर परोसे गए मीट को लेकर शुरू हुए विवाद में मामला मारपीट तक पहुंच गया, जिसके बाद इस मामले में एफआइआर भी दर्ज कराई गई। वसंत कुंज थाने में JNUSU, SFI, DSF और AISA के छात्रों के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अज्ञात छात्रों ने मामला दर्ज करवा दिया है। वहीं दूसरी ओर मामला दर्ज होने के बाद पुलिस का कहना है कि वह मामले की जांच पड़ताल के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

JNU Meat Controversy

जेएनयू के हंगामे का वीडियो वायरल

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार को हुई हिंसा का एबीवीपी ने एक वीडियो भेज जारी किया है। इस वीडियो में जेएनयू के वामपंथी संगठन एसएफआई के अध्यक्ष हरेंद्र शेषमा कथित रूप से पत्थर फेंकते हुए भी नजर आ रहे हैं। वीडियो में हरेंद्र शेषमा संतरी रंग की शर्ट पहने हुए दिखाई दे रहे हैं। एबीवीपी की तरफ से जारी किए गए इस वीडियो में दोनों तरफ से स्टूडेंट के बीच हाथापाई चल रही है। इतना ही नहीं लाठी से भी एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं।

इस वीडियो को जारी कर एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर सिद्धार्थ यादव ने ट्वीट कर दावा किया है, कि अपने प्रोपेगेंडा को फैलाने के लिए AISA ने एक फर्जी पत्र भी जारी किया है। जो पत्र जेएनयू AISA के अध्यक्ष ने लिखा। उसके हॉस्टल कमेटी का होने का दावा किया है। ऐसे में अगर कुछ भी गलत नहीं था, तो अपने अध्यक्ष का नाम क्यों छुपाया। राम नवमी पूजन के प्रति असहिष्णुता के कारण वामपंथी ने पूरी प्लानिंग के साथ ही काम किया है।

फिलहाल इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि जांच पड़ताल के बाद सामने आई रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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