ट्रेन मे 15 रुपये की जगह 20 रुपए मे पानी बेचना पड़ा भारी, लग गया 1 लाख का जुर्माना

Indian Railway: भारतीय रेलवे अपने यात्रियों के सुविधाजनक सफर को ध्यान में रखते हुए हमेशा सख्त रहती है। ऐसे में रेल यात्रियों से खाने पीने की वस्तुओं पर वसूले जाने वाले एक्स्ट्रा चार्जेस को लेकर भी अब आईआरसीटीसी एक्शन मोड में नजर आ रहा है। दरअसल रेलयात्री से ₹15 की कीमत वाली पानी की बोतल के ₹20 लेने पर आईआरसीटीसी (IRCTC) ने एक कांट्रेक्टर पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जानकारी के मुताबिक इस मामले की शिकायत एक यात्री ने ट्विटर के जरिए की थी, जिसके बाद आईआरसीटीसी ने इस पर एक्शन लिया।

Indian Railway

5 रुपए ज्यादा लेनें पर लगा 1 लाख का जुर्माना

यह पूरा मामला इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन यानी आईआरसीटीसी से जुड़ा है, जिसके तहत अंबाला रेलवे डिवीजन ने यूपी के गोंडा के कॉन्टैक्टर चंद्रमौली मिश्रा पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बता दे चंद्रमौली लखनऊ-चंडीगढ़ लखनऊ ट्रेन के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन में पैंट्री कार नहीं है, जिसकी वजह से रेलवे आईआरसीटीसी के वेंडर पर निर्भर है।

क्या है पूरा मामला?

भारतीय रेलवे की ट्रेन संख्या 12232 चंडीगढ़-लखनऊ में चंडीगढ़ से शाहजहांपुर के लिए यात्रा कर रहे एक यात्री ने ट्विटर पर आईआरसीटीसी की सर्विस से नाराज होकर एक पोस्ट किया, जिसमें उसने एक वीडियो पोस्ट करते हुए यह दावा किया कि उसने पानी की बोतल के लिए ₹20 दिए हैं, जबकि यह बोतल ₹15 की थी। बोतल पर एमआरपी भी ₹15 ही लिखा हुआ है। यात्री द्वारा ट्विटर पर शिकायत करने के बाद पानी की बोतल बेचने वाले दिनेश के मैनेजर को लखनऊ में सेक्शन 144 (1) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही ब्रांच के डीएम मनदीप सिंह भाटिया ने कांट्रेक्टर पर जुर्माना लगाने के आदेश भी दिए हैं।

Indian Railway

जानकारी के मुताबिक सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर हरि मोहन ने मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि आईआरसीटीसी के रीजनल मैनेजर को अंबाला में इस मामले में समन किया गया है और पूरे मामले की जानकारी भी दे दी गई है। साथ ही उनसे इस मुद्दे को लेकर चर्चा भी की गई है कि कैसे ओवरचार्जिंग की शिकायतों पर काम किया जाए।

1 लाख का लगा जुर्माना

वही इस मामले पर डीआरएम भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि लाइसेंस डॉक्यूमेंट चेक करने के बाद कांट्रेक्टर पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है। साथ ही इस तरह के मामलों पर रोक लगाने के लिए इस साल 1 अप्रैल से मंडल पर एक हजार से अधिक अधिकृत विक्रेताओं पर मुकदमा भी चलाया गया है। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि आरपीएफ और अन्य कर्मचारियों के समन्वय से ओवरचार्जिंग के खिलाफ ठोस कार्रवाई के लिए 15 दिनों का एक विशेष अभियान भी शुरू किया जाएगा, जिसके तहत इस तरह के मामले सामने आने के बाद उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Kavita Tiwari