International Tiger Day: देश के लिए मिसाल बना अपना बिहार! 2005 में थे मात्र 2 बाघ, आज हो गए 67

International Tiger Day: बिहार (Bihar) ने दुनिया भर के तमाम देशों के लिए एक बार फिर से एक बड़ी मिसाल पेश की है। दरअसल साल 2005 से पहले बिहार में टाइगर की संख्या सिर्फ 2 थी, लेकिन आज यह संख्या बढ़कर 67 (Tiger In Bihar) हो गई है। ऐसे में बिहार की यह उपलब्धि सिर्फ पर्यावरण के मद्देनजर ही नहीं, बल्कि पर्यटन के मद्देनजर भी प्रदेश के लिए बेहतर साबित होगी। खास बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) के मौके पर बिहार की ओर से यह खबर साझा की गई है, जिसे दुनिया के तमाम देशों के लिए एक मिसाल कहा जा सकता है।

कितनी है बिहार में बाघों की संख्या

बिहार में बीते 17 सालों में बाघों की संख्या 2 से बढ़कर 67 हो गई है। बिहार में बाघों की संख्या बढ़ने में सबसे बड़ी भूमिका वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व की बताई जा रही है। बता दे यहां टाइगरों की संख्या को बढ़ाने के लिए विशेष तौर पर प्रयास किए गए, जिसका नतीजा आज दुनिया भर के देशों के सामने है। वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व बिहार का एकलौता प्रसिद्ध उद्यान है, जहां बाघो की संख्या सबसे ज्यादा है। साथ ही भारत ने भी इसकी अपनी एक अलग पहचान है।

जानकारी के मुताबिक वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 56 के पार बताई जा रही है। इस संख्या को बढ़ाने के लिए टाइगर रिजर्व में बाघों के अनुकूल माने जाने वाले कई अहम कदम उठाए गए। साथ ही जंगलों का दायरा बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें बेहतर माहौल भी दिया गया। यह वजह है कि आज बिहार में बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

बता दे वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के अलावा बिहार के राजगीर जू सफारी में भी 2 और पटना के जू सफारी में 9 बाघ मौजूद है। इसके साथ ही आने वाले समय में कैमूर टाइगर रिजर्व का काम भी जोरों शोरों से चल रहा है। बता दे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पटना जू और राजगीर जू सफारी के बाघों की संख्या जोड़कर 67 हो गई है। बता दें इसमें पटना जू के चार शावक भी हैं, जिनका नाम करण खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने किया है।

Kavita Tiwari