आप बार-बार फेल होते है, लेकिन दलाल फटाक से निकाल देता है कंफर्म टिकट, आखिर कौन सा पैतरा अपनाता है?

How Dalal gets Confirm ticket: भारतीय रेलवे से हर दिन लाखों की तादाद में लोग सफर करते हैं। ऐसे में ट्रेन से सफर करने के लिए या तो हमें टिकट को पहले से ही बुक कराना पड़ता है या फिर तत्काल या किसी खास कोटे से कंफर्म टिकट लेनी पड़ती है, तभी हम आरामदायक सफर कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी समय पर अपनी टिकट को बुक कराना भूल गए हैं तो आपको अपनी टिकट तत्काल कोटे से टिकट एजेंट के जरिए लेनी पड़ती है, क्योंकि तत्काल कोटे में टिकट बुकिंग करना आसान नहीं होता और खचाखच भरी ट्रेन में सफर करना भी मुश्किल है।

वही अगर आप चाहे कि खुद अपने टिकट आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर तत्काल कोटे से बुक कर ले, तो अक्सर लंबी वेटिंग की टिकट ही हाथ लगती है। ऐसे में अक्सरआपके मन में यह सवाल उठता है कि आखिर दलाल कैसे आपको पूरी तरह से भर चुकी ट्रेन में कंफर्म टिकट दे देते हैं। हालांकि वह इसके लिए 3 गुना रकम भी आपसे वसूलते हैं।

ट्रेन में पहले से टिकट बुक करके रखते हैं टिकट एजेंट (How Dalal gets Confirm ticket)

दरअसल टिकट दलाल पहले से ही अलग-अलग ट्रेनों में अलग-अलग तारीखों की टिकट बुक करके रखते हैं। यह टिकटें दो-तीन महीने पहले ही बुक कर ली जाती है। इन्हें वह लोग किसी भी नाम से बुक कर लेते हैं। अमूमन दलाल 15 से 45 साल या उससे ज्यादा उम्र की टिकट को पहले से ही बुक करके रखते है। इस दौरान वे है वह एज फैक्टर पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं, लेकिन कई बार उनकी यह चाल यात्रियों के लिए सिरदर्द बन जाती है।

दूसरे के नाम पर बुक टिकट से सफर करना बनता है मुसीबत

जैसा कि हमने आपको पर बताया कि दलाल द्वारा ये टिकट किसी भी नाम से बुक कर ली जाती है। इसका मतलब है कि इस बात के 100% चांसेस है कि आपको जो टिकट मिले उसमें किसी और का नाम और उम्र लिखी हो। इस दौरान दलाल आपको यह कहकर टिकट बेच देता है कि आपसे ट्रेन टीटीई आईडी वगैरह की मांग नहीं करेगा। बस लिस्ट में नाम देख कर आगे बढ़ जाएगा, लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता और इसी दौरान यात्री मुसीबत में पड़ जाते हैं। टीटीई को अगर टिकट और यात्री को लेकर जरा भी संदेह होता है तो वह तुरंत यात्री से उसकी आईडी मांग लेता है। ऐसे में अगर आईडी और टिकट पर दी गई जानकारी मेल नहीं खाती, तो आप बेवजह ही बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं।

3 गुना दाम पर खरीदी गई टिकट पर लग जाता है भारी जुर्माना

बात यहीं खत्म नहीं होती बल्कि इसके बाद सबसे पहले आपकी सीट चली जाती है। जिस टिकट के लिए आपने दलाल को पहले ही दो से तीन गुना पैसे दिए होते हैं, अब उस टिकट के चलते आप पर फाइन भी लग जाता है और आपको नई बोर्डिंग टिकट बनवाने पड़ती है। कुल मिलाकर 400 की स्लिपर टिकट आपको ₹2000 की पड़ जाती है। ऐसे में जब भी किसी दलाल से टिकट कराएं तो किसी और के नाम पर दर्ज कंफर्म टिकट पर सफर करने से बेहतर है कि आप जनरल या फिर वेटिंग की टिकट लेकर सफर कर ले। यह आपके और आपकी जेब के लिए पूरी तरह से सुरक्षित रहता है।

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Kavita Tiwari