इंडियन रेलवे (Indian Railway) के द्वारा चलाई जाने वाली देश की प्रथम गौरव टूरिस्ट ट्रेन श्री रामायण यात्रा (Ramayan Yatra) दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना होकर अपने सफर पर चल पड़ी है। मालूम हो कि ट्रेन के पहले सफर को हरी झंडी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwani Vaishnav) एवं पर्यटन विभाग के मंत्री जी किशन रेड्डी (Kishan Reddy) ने दिखाई थी। इस अवसर पर इंडिया में नेपाल के एंबेसी डॉ शंकर प्रसाद वर्मा एवं रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष बीके त्रिपाठी उपस्थित रहें। ट्रेन में यात्रा करने के लिए कुल 533 पैसेंजर्स ने बुकिंग कराई थी। मालूम हो कि ट्रेन में टोटल 600 सीटें हैं। इस हिसाब से लगभग पहले सफर के दौरान इसमें करीबन 90 प्रतिशत के आसपास बुकिंग हुई थी।
अब भारत गौरव के जरिये कर सकेंगे 8 राज्यों में भ्रमण
बता दें कि ट्रेनों को किराए पर देने के लिए रेलवे मंत्रालय ने नई योजना भारत गौरव (Bharat Gaurav Tourist Train) की शुरुआत की गई है। इसके तहत परिचालक होने वाली पहली ट्रेन नेपाल (Nepal) और भारत (India) को आपस में जोड़ेगी और साथ ही नेपाल के जनकपुर भी यह ट्रेन जाएगी। बता दे अपने पूरे सफर में ट्रेन टोटल 8000 किलोमीटर की यात्रा की दूरी तय करेगी। 8 राज्यों से होकर गुजरने वाली इस ट्रेन में यात्रियों का सफर 17 रात और 18 दिन का होगा।
हर सुविधा से लैस होगी भारत गौरव
ट्रेन में पैंट्री कार की सुविधा भी है, जिसमें पर्यटकों के लिए फ्रेश भोजन बनेगा। सीसीटीवी कैमरा से ट्रेन को लैस किया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से गार्ड नियुक्त रहेंगे। ट्रेन के साथ ही अलग-अलग शहरों में ठहरने के लिए होटल में एसी कमरों की व्यवस्था होगी। ट्रेन से बाहर खाना, बैंक्वेट में खाना, रेस्टोरेंट एवं स्थानीय परिवहन उपलब्ध कराया जाएगा। बता दें कि यह ट्रेन देश के 12 प्रमुख शहरों से होकर गुजरेगी जिसमें अयोध्या, जनकपुर, बक्सर, सीतामढ़ी, प्रयाग, काशी, चित्रकूट, हम्पी, नासिक, रामेश्वरम, भद्रांचल और कांचीपुरम शामिल हैं।
इन मंदिरों के भारत गौरव ट्रेन के सफर में होंगे दर्शन
ट्रेन से बुकिंग कराने वाले यात्रियों को जिन स्थलों का दर्शन कराया जाएगा, उसमें अयोध्या का राम जन्मभूमि मंदिर, सरयू घाट, हनुमान गढ़ी, भरत हनुमान मंदिर, नंदीग्राम और भरत कुंड, नेपाल के जनकपुर का राम जानकी मंदिर, सीतामढ़ी का पुराना धाम और जानकी मंदिर, बक्सर का रामेश्वर नाथ मंदिर और रामरेखा घाट, बनारस का संकटमोचन और तुलसी मानस मंदिर, इलाहाबाद का सीतामढ़ी, सीता समाहित स्थल और भारद्वाज, श्रृंगवेरपुर का श्रिंगी ऋषि आश्रम, रामचौरा व शांता देवी मंदिर, चित्रकूट का गुप्त गोदावरी, सती अनसुनिया मंदिर, रामघाट, हंपी का अंजानाद्री पहाड़ी, विट्टल मंदिर और विरुपक्षा मंदिर, रामेश्वरम का रामनाथस्वामी मंदिर एवं धनुषकोठी, कांचीपुरम का विष्णु कांची, कामाक्षी अम्मान और विरुपक्षा मंदिर जबकि भद्राचलम का श्री सीताराम स्वामी मंदिर और अंजनी स्वामी मंदिर शामिल हैं।
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