क्यों कभी बीच सुनसान मे ट्रेन को रोक दिया जाता है? वहाँ ना कोई क्रॉसिंग होती न स्टेशन; जाने वजह?

Indian Railways: भारतीय रेलवे से हर दिन भारी तादाद में लोग सफर करते हैं‌। ऐसे में सफर के दौरान कई लोगों ने यह बात नोटिस की है कि ट्रेन को कई बार बीच-बीच में रोक दिया जाता है। इस दौरान ना ही आसपास कोई स्टेशन होता है और ना ही कोई क्रॉसिंग होती है। इसके बावजूद ट्रेन को आउटर से पहले ही रोक दिया जाता है। कई बार तो ट्रेन यहां पर एक-एक घंटे तक खड़ी रहती है। ऐसे में अगर ट्रेन किसी खूबसूरत जगह पर रुक जाए तो यात्री उसका आनंद लेने लगते हैं, लेकिन अगर जगह अच्छी ना हो तो यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है और उनका सफर उबाऊ हो जाता है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर बिना किसी क्रॉसिंग, बिना किसी स्टेशन के इन ट्रेनों को रोका क्यों जाता है? अगर नहीं तो आइए हम आपको इसके पीछे के कारण के बारे में बताते हैं। सबसे पहले आप यह जान ले की ट्रेन का ड्राइवर अपनी मर्जी से ट्रेन को नहीं चलता है। जब तक उसे सिग्नल नहीं मिलता, वह आगे नहीं बढ़ सकती हैं। वही अगर उसके रूट पर सिग्नल लाल हो तो ड्राइवर को ट्रेन वही रोकनी पड़ती है, वह आगे नहीं बढ़ सकता है।

बिना स्टेशन बिना क्रॉसिंग क्यों रोकी जाती है ट्रेन (Indian Railways)?

ट्रेन में सफर करते हुए अपने भी कई बार यह बात नोटिस की होगी कि ट्रेन को कई बार बीच में रोक दिया जाता है। ऐसे में ट्रेन को बीच में रोकने के पीछे टेक्निकल प्रॉब्लम भी हो सकती हैं। साथ ही दो ट्रेनों के बीच की दूरी 6 से 8 किलोमीटर तक की होनी चाहिए। ऐसे में ट्रेन जब एक स्टेशन से निकालकर दूसरे स्टेशन को भी पार कर लेती है, तभी उसके पीछे की ट्रेन को ग्रीन सिग्नल दिया जाता है और इसके बाद ही ट्रेन का ड्राइवर गाड़ी चलाता है। वहीं अगर दो स्टेशन के बीच की दूरी 9 से 15 किलोमीटर के बीच हो तब भी ट्रेन के निकलने के थोड़ी देर बाद ही सिग्नल ग्रीन होता है।

क्रॉसिंग में फंसे हो वाहन, तो भी नहीं मिलता सिग्नल

इसके अलावा क्रॉसिंग पर लेवल क्रॉसिंग गेट सिगनल भी लगाए जाते हैं। इससे लोको पायलट को यह पता चलता है कि लेवल क्रॉसिंग गेट बंद है और ट्रेन के गुजरने के लिए रास्ता बिल्कुल साफ है। वही इस सिग्नल की सहायता से सड़कों और रेलवे ट्रैक के मिलने वाले रास्तों से ट्रेन को बिना किसी हादसे के आराम से निकाल लिया जाता है। वहीं कई बार क्रॉसिंग के समय वाहन के फंसने के कारण सिग्नल नहीं दिया जाता है और ऐसे में ट्रेन को बीच में ही रोक दिया जाता है।

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Kavita Tiwari

मीडिया के क्षेत्र में करीब 7 साल का अनुभव प्राप्त हुआ। APN न्यूज़ चैनल से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद कई अलग-अलग चैनलों में असिस्टेंट प्रोड्यूसर से लेकर रन-डाउन प्रोड्यूसर तक का सफर तय किया। वहीं फिलहाल बीते 1 साल 6 महीने से बिहार वॉइस वेबसाइट के साथ नेशनल, बिजनेस, ऑटो, स्पोर्ट्स और एंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रही हूं। वेबसाइट पर दी गई खबरों के माध्यम से हमारा उद्देश्य लोगों को बदलते दौर के साथ बदलते भारत के बारे में जागरूक करना एवं देशभर में घटित हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी देना है।