Indian Railways: भारतीय रेलवे से हर दिन लाखों करोड़ों की तादाद में लोग सफर करते हैं। ऐसे में जहां ट्रेन के जनरल कोच में हमेशा भारी भीड़ ही नजर आती है, तो वहीं स्लीपर और एसी कोच में लोग बड़े आराम से बैठे होते हैं। ऐसे हालातो को देखते हुए रेल मंत्रालय ने जोनल अथॉरिटी को निर्देश दिए हैं कि जनरल कोच के बोझ को कम करने के लिए यात्रियों को स्लीपर कोच में भी जगह दी जाए। 21 अगस्त को रेलवे बोर्ड की ओर से यह निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके मुताबिक जिन ट्रेनों के स्लीपर कोच में यात्री कम हो उन्हें जनरल कोच बना दिया जाए। खास तौर पर यह निर्देश दिन के समय चलने वाली ट्रेनों को लेकर जारी किए गए हैं।
रेलवे बोर्ड ने स्लीपर क्लास को लेकर किया बड़ा फैसला
बता दें कि स्लीपर कोच में यात्रियों की संख्या सीटों की संख्या पर निर्भर करती है। वहीं जनरल कोच में यात्रियो कि संख्या सीमित नहीं होती। ऐसे मे मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगर स्लीपर कोच में यात्री कम है तो उन्हें जनरल कोच में बदलने की सिफारिश किया जाएगा। इसका उद्देश्य रेलवे की आंतरिक रिवेन्यू के साथ छोटी दूरी की यात्रा करने वाले यात्री को सहूलियत देना है।
इस दौरान रेलवे अधिकारी ने यह भी कहा कि हर कोच की अपनी क्षमता होती है। फर्स्ट एसी कोच में 18 से 24 सीटें होती है। सेकंड एसी कोच में 48 से 54 सीटें, जबकि थर्ड एसी कोच में 64 से 72 सीट दी गई होती है। वही बात स्लीपर की करें तो स्लीपर के हर कोच में 72 से 80 सीट दी गई होती है और जनरल कोच में 90 लोगों के लिए सफर करने की सुविधा होती है, लेकिन हर बार यात्री उससे दोगुनी यानी 180 के करीब होती है।
जनरल कोच मे भी सुविधा बढ़ा रही रेलवे
बता दे कोरोना काल के बाद रेलवे ने जनसाधारण एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों का भी संचालन बंद कर दिया था, जिसमें जनरल कोच सबसे ज्यादा हुआ करते थे। हालांकि रेलवे का कहना है कि इन ट्रेनों के बंद हो जाने से काफी नुकसान हो रहा है। वहीं बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट के बाद रेलवे बोर्ड ने अनरिजर्व्ड कोच के पास भी पीने के पानी और नाश्ता की सुविधा उपलब्ध करवाने का फैसला लिया है। इसके अलावा रास्ते में पीने के पानी और सफाई को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं।
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रेलवे बोर्ड के अधिकारी का कहना है कि अपनी यात्रियों की यात्रा को सुखद और सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे कई बड़े कदम उठाने वाला है, जिसके तहत कई बदलाव भी किए जाएंगे। बता दे कोरोना के समय जनरल कोच में भी रिजर्वेशन की तरह ही टिकट दिए जा रहे थे। इन्हें सेकंड सिटिंग बना दिया गया था, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा था, लेकिन अब जरनल कोचों में पहले की तरह ही असीमित टिकटे बांटी जा रही है।
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