IRCTC: अब चलती ट्रेन में कार्ड से दे कर बनवा सकेंगे टिकट, रेलवे ने शुरू की बेहतरीन सर्विस

इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कब-किसे, कौन सी जरूरत पड़े इस बात का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है। ऐसे में एक कई बार ऐसी आपात स्थिति पैदा हो जाती है, जब व्यक्ति को बगैर कुछ सोचे ही यात्रा करनी पड़ती है और ऐसे में तत्काल टिकट बुक करना मुमकिन नहीं होता है। इस स्थिति से गुजरते हुए कई बार लोग बगैर टिकट के ही ट्रेन में चढ़ जाते हैं। वही जब रेलवे के अधिकारी टिकट चेक (Ticket Check Rule In Railway) करने आते हैं और उनके पास टिकट नहीं होता, तो उन्हें मजबूरी में टिकट ना लेने का भुगतान भरना पड़ता है। इस स्थिति में जुर्माना नगद देना भी कई बार परेशानी की वजह बन जाता है, क्योंकि जेब में कैश नहीं होता।

बिना टिकट यात्री कर सकेंगे कैशलैस भुगतान

अपने यात्रियों कि इसी आपात स्थिति को समझते हुए और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे (Indian Railway) जल्द ही एक नई सर्विस की शुरूआत करने वाली है, जिसके जरिए आप ट्रेन में चढ़ने के बाद डेबिट कार्ड से टीटी को टिकट का जुर्माना या टिकट अपग्रेडेशन चार्ज दे सकते हैं। क्या है रेलवे का यह कैशलैस (Digital ticket Payment) नया नियम… आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं।

अपग्रेट हो रहा है रेलवे का पीओएस

गौरतलब है कि रेलवे ने अब देश के कई राज्यों के रेलवे स्टेशन पर कार्यरत टीटी को पीओएस (POS0 यानी पॉइंट ऑफ सेल (Point Of Sale) मशीन दी है। सरकार फिलहाल इस पीओएस मशीन को अपग्रेड करने का काम कर रही है, जिसके बाद यह 4G सिम के साथ काम कर सकेगा। बता दे इससे पहले टीटी के पास मात्र 2G सिम वाली मशीन ही उपलब्ध थी। रेलवे के मुताबिक देशभर में अब तक 36000 से ज्यादा मशीनों में 4G सिम लगाए जा चुके हैं। रेलवे के इस फैसले का उद्देश्य इस तरह की मशीन से रेलवे यात्रियों से जुर्माने के रूप में या अतिरिक्त किराए के रूप में लिए गए भुगतान को डिजिटल करना है, ताकि यात्री कैशलेस और सुविधाजनक यात्रा कर सकें।

बता दे पीओएस मशीन के अपग्रेड हो जाने के बाद इसके कई फायदे यात्रियों को मिलेंगे। इसका सबसे ज्यादा फायदा तो उन्हीं यात्रियों को मिलेगा जिनके पास टिकट नहीं होगी। वह जुर्माने के तौर पर यात्रियों को अब कैश रखने की भी जरूरत नहीं है ,वह अपने कार्ड के जरिए भी भुगतान कर सकेंगे। मालूम हो कि राजधानी और शताब्दी ट्रेन में रेलवे स्टाफ को अपग्रेडेड मशीन पहले से दी जा चुकी है।

Kavita Tiwari