Indian Railway : अब ट्रेन मे होगी TTE की मननानी खत्म, हाथ में चार्ट की जगह लेकर चलने होंगे ये मशीन

भारतीय रेलवे (Indian Railway) से हर दिन लाखों की तादाद में लोग सफर करते हैं। ऐसे में कई बार जल्दबाजी में सफर करने के दौरान लोग टिकट नहीं बुक करा पाते और उन्हें अपने इस सफर के दौरान टीटीई (TTE) की मनमानी झेलनी पड़ती है। टीटीई रेलवे में टिकट चेकिंग के समय कई बार मनमाने ढंग से बर्थों का आवंटन भी करते हैं। टिकट चेकिंग स्टाफ के हाथों में सिर्फ एक मैनुअल चार्ट होता है। ऐसे में उनकी यह मनमानी रेलवे की नजर में भी नहीं आती।

वहीं अब टीटीई की मनमानी को खत्म करने के लिए टिकट चेकिंग स्टाफ के हाथ में मैनुअल चार्ट की जगह आधुनिक हैंड हेल्ड टर्मिनल (Hand Held Terminal Machine) यानी एचएचटी (HHT) दिया जाएगा। रेलवे विभाग की ओर से निर्देश जारी कर पूर्वी रेलवे में इसके लिए प्रशिक्षण भी शुरू कर दिया गया हैय़ बता दे पहले चरण में पूर्वोत्तर रेलवे के 16 स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है। शेष कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण के लिए उनका एचएचटी उपलब्ध करा दिया गया है।

Hand Held Terminal Machine

 

पूर्वोत्तर रेलवे में शुरू हुआ एचएचटी प्रशिक्षण

रेलवे विभाग के इस निर्देश को लेकर मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि पूर्वोत्तर रेलवे को कुल 316 एचएचटी सौंपे गए हैं, जिनमें लखनऊ मंडल में 191, वाराणसी मंडल में 96 और इज्जतनगर मंडल में 29 एचएचटी आवंटित किए गए हैं।

Hand Held Terminal Machine

 

बर्थ खाली होते ही कंफर्म किए जाएंगे ये टिकट

रेलवे की इस एचएचटी सर्विस के जरिए जैसे ही कोई बर्थ खाली होगी इसकी जानकारी सबसे पहले फीड की जाएगी। इसके साथ ही खाली बर्थ फीड होने के बाद आरएसी के बर्थ को कंफर्म किया जाएगा। टिकट कंफर्म की सूचना भी यात्री को उसके मोबाइल पर भेज दी जाएगी। आरएसी क्लियर होने के बाद बची बर्थ पर वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को कंफर्म टिकट दिया जाएगा। इसकी सूचना भी यात्रियों के मोबाइल पर ही उपलब्ध कराई जाएगी। एचडी के उपयोग से अनधिकृत बर्थ आवंटन पर रोक लगेगी और वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को भी इससे राहत मिलेगी।

 

बता दे हैंड हेल्ड टर्मिनल का सिस्टम रेल टेल के नेटवर्क 4G से चलेगा। पॉइंट ऑफ सेल सिस्टम की तरह यह रास्ते में जवाब नहीं देगा। दरअसल रेलवे प्रशासन ने व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए प्रत्येक टीटीई को पीओएस दिया है, लेकिन आज तक इसके जरिए कोई भी ऑनलाइन जुर्माना नहीं काटा गया है।

Kavita Tiwari