कार का जुनून अगर आप में भी है और आप भी पुरानी कारों के बारे में जानकारी जुटाने में खासा दिलचस्पी रखते हैं, तो आइए हम आपको भारत की सबसे पहली कार कौन (First Indian Made Car) सी थी और किस मॉडल के साथ सड़कों पर फर्राटा भरती नजर आई थी इसके बारे में कुछ दिलचस्प (Car History And intersting Facts) बातें बताते हैं। साथ ही बताते हैं कि भारत के किस मॉडल के दीवाने प्रधानमंत्री से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री तक थे।
जब भारत में शुरु हुआ कार का अविष्कार
पहिए के अविष्कार के साथ ही इंसान के विकास की कहानी शुरू हुई थी, जिसने घूमते पहिए की रफ्तार के साथ तेजी पकड़ी। ऐसे में जब भारत की अपनी पहली कार लॉन्च हुई तो इसकी दीवानगी प्रधानमंत्री से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री तक सर चढ़कर बोलने लगी। भारत की सबसे पहली कार मॉडल हिंदुस्तान 10 (Hindustan 10) थी, जिसका निर्माण भारत (Indian Made Car History) में ही किया गया था।
यह थी भारत की पहली अपनी कार
भारत में सबसे पहली कार (India First Made In India Car) साल 1896 में देखने को मिली थी। हालांकि ये बात अलग है कि इस कार को दूसरे देश से आयात करके भारत लाया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 1960 में जमशेदजी टाटा (Jamshedji Tata) ने भारत में पहली कार को इंपोर्ट किया था। यह वह दौर था जब भारत में कारों को जर्मनी ब्रिटेन जैसे बड़े देशों से इंपोर्ट करके लाया जाता था। उस वक्त भारत में ऐसी कोई कंपनी नहीं थी, जिसका अपना कोई कार ब्रांड हो।
हिंदुस्तान 10 थी भारत की पहली कार
इसके बाद देश की ऑटो इंडस्ट्री ने इस मामले पर बारीकी से विचार विमर्श किया, जिसके बाद भारत की ऑटो इंडस्ट्री में सबसे पहला स्थान भारत की अपनी कार मॉडल कंपनी हिंदुस्तान 10 के नाम से उभर कर सामने आया जो कि ब्रिटेन की एक राज मौर्य सीरीज का हिस्सा है। इसे हिंदुस्तान मोटर्स लिमिटेड के द्वारा साल 1949 में गुजरात के पोर्ट ओखा में एक छोटी सी फैसिलिटी में असेंबल किया गया था। खास बात यह थी कि इस कार में उस वक्त 1.3 लीटर की क्षमता का ओवरहेड वॉल्व इंजन इस्तेमाल किया जाता था, जो कि अधिकतम 37bhp की पीक पावर जनरेट करता था।
बता दे यह पिक पावर मौजूदा समय में मारुति अल्टो 800 की पावर से भी बेहद कम है। इसके अलावा इस इंजन में कंपनी ने 4 स्पीड गियर बॉक्स भी लगाए थे। इंजन MG TC में इस्तेमाल के जाते थे लेकिन उसे इस तरह के ट्यून में सेट किया गया था कि वह ज्यादा पावर जनरेटर नही करता था।
भारत की पहली कार की खासियत
इसी के साथ भारत की पहली कार में यूनिटी कंस्ट्रक्शन के साथ चैसिस, ठोस फ्रंट और रियल एक्सेल के साथ लीफ स्प्रिंग सस्पेंशन का सपोर्ट भी दिया गया था। ऑल ओवर इसका वजन 934 किलोग्राम का था। भारत में लॉन्च हुए इससे पहले कार मॉडल का पिकअप बॉडी स्टाइल में भी आ गया था। उस वक्त यूके के यह वाहनों के प्रसिद्ध टिलेज समूह में शामिल हो गया, जिसमें कई ब्रिटिश निर्माताओं ने अपनी कारों में लोड कैरियर के तौर पर बदलाव करते हुए इसे पेश किया था।
भारत की पहली कार को लेकर कंपनी की ओर से दावा किया गया था कि इस कार की टॉप स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा है। ऐसे में यह जाहिर सी बात है कि उस वक्त कि खाली सड़कों पर यह कार सरपट दौड़ती थी। हालांकि इस दौरान बहुत से इलाके ऐसे भी थे जहां पर कारों से आवागमन इतना आसान नहीं था, क्योंकि उस दौर में लोग सड़कों से इस तरह परिचित नहीं हुआ करती थी। ऐसे में यह स्पीड उस वक्त के हिसाब से काफी थी, क्योंकि रोड इंफ्रास्ट्रक्चर भी उस दौर में कुछ ही जगहों पर अच्छा नजर आता था।
ये कार का विज्ञापन बताता है सबकुछ
वहीं इंटरनेट पर इस कार से जुड़ी एक तस्वीर दी गई है। दरअसल यह तस्वीर टीम बीएचपी की एक रिपोर्ट में दिखाई गई है, जिसमें देश की पहली मेड इन इंडिया कार हिंदुस्तान 10th का विज्ञापन दिया गया है। इस विज्ञापन की तारीख में दर्ज है कि 28 नवंबर 1945 की यह कार है। इस विज्ञापन में यह भी लिखा गया है कि हिंदुस्तान 10 देश की पहली कार है, जिसे खासतौर पर भारतीय दशाओं के आधार पर तैयार किया गया था।
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