बदलते दौर के साथ दुनिया के हर कोने की तस्वीर बदल रही है। ऐसे में जल्द ही 5G प्रोजेक्ट (5G Project) भी लॉन्च होने वाला है। वहीं अब चांद और मंगल ग्रह (Moon And Mars) पर भी धरती की तरह ही फोन कॉलिंग करना नॉर्मल बात हो जाएगी। खास बात यह है कि भारत के एक शख्स ने इस करिश्मे को सच कर दिखाने का जिम्मा उठाया है। ऐसे में भारत के लिए यह बेहद गर्व की बात है। इनका नाम निशांत बत्रा (Nishant Batra) है और इनका कहना है कि जल्द ही चांद और मंगल से अपने घर और सगे संबंधियों से बात करना अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नॉर्मल बात (Nishant Batra Build First 4G Network On Moon for Calling) हो जाएगी।
चांद पर लगेगा 4G प्रोजेक्ट!
गौरतलब है कि अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा चांद पर मानव मिशन भेजने की तैयारी कर रही है। ऐसे में नासा ने चांद पर 4G प्रोजेक्ट को स्थापित करने की बड़ी जिम्मेदारी नोकिया के हाथों में सौंपी है। बता दे इस कंपनी की कमान मौजूदा समय में भारतीय नागरिक निशांत बत्रा संभाल रहे हैं। निशांत बत्रा ने इस जिम्मेदारी को लेते हुए जल्द ही इसे सच कर दिखाने का सपना भी लोगों को दिखाया है।
बता दे निशांत दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय बिजनेस परिवार से ताल्लुक रखते हैं। निशांत नोकिया में ग्लोबल स्ट्रेटजी टेक्नोलॉजी के हेड है। फिलहाल निशांत बत्रा फिनलैंड के इस्पू में रहते हुए अपना कार्यभार संभाल रहे हैं। इसके साथ ही निशांत बत्रा के पास बैलेंस में टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च की जिम्मेदारी भी है। मालूम हो कि इस लैब को 9 नोबेल पुरस्कार और 5 ट्यूरिंग अवार्ड अब तक मिल चुके हैं। नासा ने अपने लूनर मिशन के लिए मोबाइल कनेक्टिविटी माया कराने की जिम्मेदारी नोकिया को सौंपी है। ऐसे में नासा के इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी निशांत बत्रा संभाल रहे हैं।
कौन है निशांत बत्रा
निशांत बत्रा का जन्म साल 1978 में हुआ था। निशांत दिल्ली के एक बिजनेस मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने आईएनएसईएडी बिजनेस स्कूल से अपना एमबीए कंप्लीट किया था। निशांत इंदौर के देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर एप्लीकेशंस में बैचलर की डिग्री भी हासिल कर चुके हैं। इसके बाद वह अमेरिका के साउथ मेट्रो डिस्ट यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन कर चुके हैं। निशांत ने टेलीकॉम इंडस्ट्री में लंबे समय से काम करते हुए अपनी यह पहचान खड़ी की है।
गौरतलब है कि नासा ने साल 2020 में लूर कनेक्टिविटी का यह प्रोजेक्ट तैयार किया था। साल 2024 में नासा चांद पर इंसान को भेजने की तैयारी कर रहा है। चांद पर अब तक केवल नासा ने ही मानव मिशन भेजे हैं। नील आर्मस्ट्रांग साल 1969 में चांद की धरती पर रहने वाले पहले इंसान थे। नासा ने अपने मून मिशन के लिए नोकिया के नेटवर्क का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। यही वजह है कि चांद पर 4G नेटवर्क को ले जाने की जिम्मेदारी नासा ने नोकिया को दी है।
निशांत बत्रा का कहना है कि चांद पर 4G नेटवर्क स्थापित होने के बाद धरती पर कॉल करना संभव हो सकेगा। साथ ही वहां पर इंटरनेट रहने के बाद मोबाइल-लैपटॉप पर फिल्में, गाने, वीडियो सब नॉर्मल तरीके से सुने जा सकते हैं। बता दें निशांत की टीम इन दिनों 6G टेक्नालॉजी के शोध में जुटी हुई है।
निशांत बत्रा का कहना है कि हम चांद पर कम्युनिकेशन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इस प्रोजेक्ट के तहत कर रहे हैं भारत के आईटी इंजीनियर दुनिया की सबसे बेहतर प्रतिभाओं में से एक है। यह लोग भविष्य में टेक्नोलॉजी का विकास करने व दुनियाभर को बेहतर टेक्नोलॉजी देने में अहम भूमिका निभाएंगे।
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