भारत में जल्द चलने वाली है हाइपरलूप ट्रेन! अन्य ट्रेनों से होगी बेहद अलग, जानिए इसकी खासियत

Hyperloop Train: आने वाले समय में भारत में द्रुत गति के लिए हाइपरलूप प्रौद्योगिकी को अपनाया जा सकता है। नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत के द्वारा रविवार को इस बात की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि अभी यह प्रौद्योगिकी की परिपक्वता के बहुत निचले स्तर पर है लेकिन अभी इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।

कर्मचारी के द्वारा जानकारी दिया गया कि हाइपरलूप प्रौद्योगिकी की तकनीकी और व्यवसाय के व्यवहार्ता का पता लगाने के लिए एक समिति गठित की जा रही है। उन्होंने यह भी जानकारी दिया कि कुछ विदेशी कंपनियों के द्वारा भारत में इस प्रौद्योगिकी को लाने में रुचि दिखाई जा रही है।

सारस्तव के द्वारा जानकारी दिया गया कि “जहां तक ​​हमारा सवाल है, हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के बारे में हमने पाया कि विदेशों से जो प्रस्ताव आए थे, वे बहुत व्यवहार्य विकल्प नहीं हैं। वे प्रौद्योगिकी की परिपक्वता के बहुत निचले स्तर पर हैं।‘‘

क्या है हाइपरलूप ट्रेन (Hyperloop Train)

हाइपरलूप एक ‘हाई-स्पीड’ ट्रेन है, जो ट्यूब में वैक्यूम में चलती है. यह तकनीक इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला और अंतरिक्ष परिवहन कंपनी स्पेस एक के स्वामित्व रखने वाले एलन मस्क के द्वारा प्रस्तावित की गई है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमने आज की तारीख तक इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया है। मुझे नहीं लगता कि आने वाले समय में हाइपरलूप  हमारे परिवहन में शामिल हो सकती है।

वर्जिन हाइपरलूप का परीक्षण 9 नवंबर 2020 को अमेरिका के लास वेगास में 500 मीटर के ट्रैक पर किया गया था। इसमें एक भारतीय और अन्य यात्री सवार होकर गए थे और इसकी रफ्तार 161 किलोमीटर प्रति घंटा थी। उन्होंने आगे कहा कि” अभी तक जो पेशकश आई है उन्हें प्रौद्योगिकी की परिपक्वता अभी बेहद कम है। उन्होंने कहा कि हम इस तरह की प्रौद्योगिकी में निवेश नहीं कर रहे हैं।  

लिथियम आयन बैटरी आयात पर ये कहा

चीन के द्वारा लिथियम आयात पर भारत के निर्भरता संबंधी सवाल पर सारस्वत के द्वारा जानकारी दिया गया कि आज के समय में लिथियम आयन बैटरी का उत्पादन बहुत ही ज्यादा कम हो गया है। यही वजह है कि हम चीन या फिर अन्य देशों को ऊपर निर्भर है।

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उन्होंने आगे जानकारी दिया कि भारत के द्वारा देश में बैटरी भी निर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि अगले साल कुछ कारोबारी घराने होंगे जो देश के बड़े पैमाने पर लिथियम आयन बैटरी का निर्माण करेंगे।

Manish Kumar