बिहार के बेगूसराय जिले में एक ऐसा गांव है जहाँ हर रोज गांव के लोग आजादी के दीवाने देशभक्त नौजवानों के प्रतिमा की पूजा अर्चना करते हैं। पिछले 31 वर्षो से यहाँ हर रोज़ सुबह सुबह भारत माता की पूजा के बाद उनके वीर सपूतो की पूजा की जाती है, और उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प लिया जाता है।
बेगुसराय सदर प्रखंड के परना गांव मे सुबह से शाम तक पूजा में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देशभक्ति के तराने भी गूंजते हैं। बच्चे हों या बुजुर्ग, इस गाँव के हर लोगों मे देशभक्ति का एक अलग ही जुनून है। देशभक्ति की इस भावना से सामाजिक समरसता का रस यहाँ के माहौल मे घुला हुआ है और उससे आने वाली पीढ़ी को भी देशभक्ति का संदेश भी मिलता है। लेकिन यह बेहद अफ़सोस की बात है कि आजादी के इतने वर्षो के बाद भी शहीदों का स्मारक स्थल प्रशासनिक उपेक्षा झेल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन की तरफ से सहायता की जाए तो यहाँ के शहीद स्मारक दार्शनिक स्थल के रूप में विकसित हो सकते हैं।
1991 से हो रही है पूजा
इस गाँव मे देशभक्त वीर जवानो की प्रतिमा की पूजा 1991 से लगातार की जा रही है। यहाँ देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले महापुरुषों की सालों भर पूजा-अर्चना की जाती है, इस गाँव ने देशभक्तो के सम्मान की और उनके आदर्शो पर चलने की मिसाल कायम कर रहे हैं। यहाँ के एक स्थानीय निवासी संजीव कुमार के मुताबिक पोखर के मुहाने पर पहले एक शिवालय स्थित था। साल 1987 में यहां के लोगो द्वारा मां दुर्गा का मंदिर बनवाया गया और श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना की जाने लगी।
इसके बाद वर्ष 1990 में यहाँ देवी देवताओ के साथ महापुरुषों की भी पूजा की जाने लगी। परना गाँव के मुखिया वीरेंद्र शर्मा कहते है कि मनरेगा के तहत शहीद स्मारक का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। बरसात का मौसम खत्म होते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। परना के पैक्स अध्यक्ष नागेश्वर महतो कहते हैं कि शहीदों की पूजा-अर्चना करने से जहां दिल को सुकून का एहसास होता है तो वहीं युवा पीढ़ी में देशभक्ति के प्रति जुनून पैदा होता है।
इन सुपतों की हैं प्रतिमा
साल 1991 मे उस समय के तत्कालीन मुखिया शिवराम महतो के नेतृत्व में गाँव के लोगों द्वारा सामूहिक चंदा इकठ्ठा करके पोखर के मुहाने पर ही भव्य शहीद स्मारक स्थल का निर्माण कराया गया था। इसके साथ ही लगभग ढाई लाख रुपये से अधिक की लागत से महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ भाई पटेल, बाबू वीर कुंवर सिंह, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, वीर भगत सिंह, खुदीराम बोस, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, लाल बहादुर शास्त्री, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, चंद्रशेखर सिंह और रामचंद्र सिंह जैसे महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित कराई गई और तभी से इन सभी प्रतिमाओ की पूजा हर रोज़ की जाती है।
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