कनाडा मे अपने नंबर प्लेट पर ‘बिहार’ लिख घूमता है ये बिहारी, इस वजह से पुलिस कुछ नहीं बोलती

भारत में गाड़ियों की नंबर प्लेट के साथ नए-नए प्रयोग की बात नई नहीं है । हाँ! ये बात और है कि इसके कारण कई बार फैंसी नंबर प्लेट पर चालान भी कटता है, लेकिन फिर भी लोग अपना शौक पूरा करने से पीछे नहीं हटते। इन दिनों कनाडा में रहनेवाला एक भारतीय अपने कुछ ऐसे ही शौक के कारण रातों-रात मशहूर हो गया है। यह शख्स मूल रूप से बिहार का रहने वाला है और बिहार से इसका प्रेम किस कदर मजबूत है, इसकी निशानी इसके नंबर प्लेट पर देखा जा सकता है, जहां इसने ‘बिहार’ लिखवा रखा है।

Video में बताई पूरी कहानी

कनाडा (Canada) में रहने वाले इस भारतीय ने कैसे अपने कार की नंबर प्लेट पर ‘BIHAR’ लिखवाया है, इसके बारे मे उसने विस्तार से बताते हुए एक वीडियो बनाया है। उसने बताया कि आखिरकार कनाडा में ये कैसे संभव हो सका। इस शख्स ने यूट्यूब पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसका टाइटल है- ‘मुझे कनाडा में अपनी कार के लिए नंबर प्लेट पर BIHAR कैसे मिला?’. वीडियो में वह बताता हुआ नज़र आता है कि कनाडा में ऐसी नंबर प्लेट के लिए क्या करना होता है।

Winnipeg में रहते हैं Bashshar

बशर हबीबुल्लाह

यह शख्स खुद को ‘प्राउड बिहारी’ कहता है, इसका वास्तविक नाम बशर हबीबुल्लाह (Bashshar Habibullah) है। बशर बताते हैं कि वो मूल रूप से बिहार के पटना के रहने वाले हैं। वर्तमान में वह कनाडा के Winnipeg (Manitoba) में रहते हैं। बशर ने अपना एक यूट्यूब (Youtube) चैनल बना रखा है, जिस पर वे वीडियो शेयर करते हैं, इसी पर उसने यह विडियो भी शेयर किया है और BIHAR नंबर प्लेट लेने की पूरी कहानी साझा की है।

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पंजाबियों से मिली प्रेरणा

बशर हबीबुल्लाह

अपने वीडियो में बशर बताते हैं कि ‘कनाडा में कई सारे पंजाबी रहते हैं। वहीं से उन्हें यह प्रेरणा मिली। वे आगे बताते हैं कि “जब मैंने उनकी गाड़ियों पर अलग-अलग तरह से PUNJAB लिखी नंबर प्लेट देखी, तो लगा कि मुझे भी कुछ ऐसा करना चाहिए। ताकि मैं BIHAR की पहचान को कनाडा में भी लेकर चल सकूं। सबसे पहले मैंने इसके लिए जानकारी जुटाई, तब पता चला कि कनाडा में अप्रवासी लोग भी कानूनी रूप से अपने पसंद की नंबर प्लेट ले सकते हैं।”

मुश्किल से तीन-चार Bihari मिले

बशर बताते हैं कि ‘पसंदीदा नंबर प्लेट के लिए कुछ जरूरी कागजात और निर्धारित भुगतान करना होता है, प्रक्रिया पूरी करने के बाद बिहार लिखी नंबर प्लेट उनके पास आ गई’। उन्होंने कहा कि कनाडा में मुझे कई पंजाबी मिले, लेकिन बिहारी मुश्किल से तीन-चार। अब मुझे लगता है कि शायद बिहार लिखी नंबर प्लेट देखकर कोई रुककर कहेगा कि ‘मैं भी बिहार से हूं।’

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