बिहार की नदियों से जल परिवहन और व्यापार का नया मार्ग खुल सकेगा। शुक्रवार को पटना में भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष जयंत सिंह ने कहा कि बिहार में जलमार्ग विकसित किया जाएगा। बिहार में भौगोलिक दृष्टिकोण से यह सम्भावनाएं है, क्यूँकि यहाँ गंगा के साथ कई सहायक नदियां हैं।
जलमार्ग विकसित हो जाने से सस्ते और सुरक्षित तरीके से माल की ढुलाई हो सकेगी और यात्रियों के लिए यह मार्ग सुविधाजनक होगा। नदियों में जगह-जगह पीपा पुल को अत्याधुनिक बनाने के लिए आइआइटी खडग़पुर में माडल तैयार किया जाएगा। अगले छह महीनों में इसका ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल सफल होने पर सभी जगह पीपा पुल में बदलाव किया जाएगा। कोशिश यह है कि जहाज के पहुंचते ही पीपा पुल तुरंत खुल सके जिससे यात्री व माल को पहुंचने में किसी तरह की देरी न हो।
अध्यक्ष के द्वारा गायघाट स्थित भारतीय अंतरदेशीय नौवहन संस्थान का भ्रमण किया गया, उन्होंने कहा कि बिहार में गंगा के उत्तरी तट पर जहाज के परिचालन के लिए पहला बंदरगाह छपरा के कालू घाट पर बनाया जाएगा। यह अगले दो माह में तैयार हो जाएगा। इसके बाद उत्तर बिहार से लेकर नेपाल तक जहाजों का परिचालन काफी आसान हो जाएगा। बता दें कि आइडब्लूएआइ में अभी 128 जहाज हैं। जरुरत पड़ने पर दो दर्जन अतिरिक्त जहाज की खरीद की जाएगी। जयंत ङ्क्षसह ने बताया कि देसी नावों के सुरक्षित परिचालन के लिए बिहार में 25 जगहों पर बंदरगाह 2022-23 तक तैयार हो जाएगा।
नौवहन संस्थान में कई उपयोगी कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। इससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। बनारस, हल्दिया व साहेबगंज में बंदरगाह विकसित किया जा चुका है। उन्होंने प्रशिक्षण संस्थान का भ्रमण किया और वहाँ खराब पड़ी मशीनों को ठीक करने तथा पठन-पाठन व्यवस्था को और बेहतर बनाने का निर्देश दिया गया।
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