बिहार के मुख्यमंत्री नतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का शंखनाद डिजिटल माधयम से किया। इस योजना के तहत नए युवा एवं महिला उद्योगियों को उद्योग करने के लिए सरकार की तरफ से दस लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग द्वारा बनाये गए नए वेब पोर्टल www.udyami.bihar.gov.in को भी लांच किया।
क्या है इस योजना की ख़ासियत
योजना के अंतर्गत इक्ष्छुक उद्यमियों को सर्कार द्वारा 10 लाख रूपए दिए जाएंगे। इसमें पांच लाख रुपये अनुदान के रूप में मिलेगा जबकि बाकी पांच लाख रूपए लोन होंगे। लोन वाले पैसों पर युवाओं को एक प्रतिशत ब्याज देना होगा जबकि महिलाओं के लिए ब्याज का प्रावधान नहीं है। उद्यमिता की तरफ लोगो को आकर्षित करने की मंशा से राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना लागू की गई है।
कैसे करना होगा आवेदन
अगर आप इस योजना के तहत अपना उद्योग खोलने का सोच रहें हैं तो इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना से संबंधित वेबसाइट का उद्घाटन भी किया है। www.udyami.bihar.gov.in वेब पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा। रजिस्टर करने के बाद जरूरी के कागजात भी देने होंगे।
कैसे हुई योजने की शुरुवात
साल 2018 में मुख्यमंत्री द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना की शुरुआत की गई थी। योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के युवा में उद्यमिता शुरू कर स्वरोज़गार को बढ़ावा देना था। उसके बाद 2020 में मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना की तर्ज पर अति पिछड़ा वर्ग के युवक एवं युवतियों को इसमे शामिल कर लिया ।अब इसमे सामान्य वर्ग को शामिल कर लिया गया है।
ऐसे उठा सकते हैं योजना का लाभ
योजना के लाभ के लिए लिए शैक्षिक पात्रता कम से कम 10+2 या इंटरमीडिएट, आईटीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या समकक्ष होना चाहिए। इसके लिए आयु सीमा 18 से 50 वर्ष के बीच होने होनी चाहिए। इसके अलावा जिस फर्म के जरिए अपना उद्यम चलाना चाहते हैं वो प्रोपराइटर्स शिप, पार्टनरशिप फर्म, एलएलपी या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में दर्ज होनी चाहिए या फिर कोई नई इकाई होनी चाहिए। इसके साथ की फर्म का करंट अकाउंट होना चाहिए।
क्या कहा मुख्यमंत्री ने
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में सरकार में आने के बाद से महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिकरण को लेकर कई कदम उठाये गये हैं। उसके साथ ही कॉलेजों में और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में लड़कियों के एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान लाया गया। इससे लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ा। फल स्वरुप छात्राओं की संख्या विद्यालयों में काफी बढ़ी। छात्राओं के लिए साइकिल योजना भी लाइ गई। उन्हें स्कूलसे लेकर मैट्रिक इंटर तक की पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। हमारा शुरू से उद्देश्य रहा है कि महिलाएं सक्षम एवं आत्मनिर्भर बनें।
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