IAS Training: मसूरी में होती है आईएएस की ट्रेनिंग, जाने एक IAS बनने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है?

lbsnaa: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Exam) देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाती है। इतना ही नहीं इसे पास करने के बाद कैंडिडेट्स को इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस अफसर बनने के लिए कड़ी ट्रेनिंग से भी गुजरना पड़ता है। क्या आप जानते हैं कि एक आईएएस ऑफिसर बनने के लिए ट्रेनिंग (IAS Officer Training) कितनी कड़क होती है और कहां होती है? एक आईएएस को ट्रेनिंग के दौरान क्या क्या सिखाया जाता है? आईएस के बारे में हम आपको डिटेल में बताते हैं…?

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कैसे होती है एक आईएएस ऑफिसर की ट्रेनिंग?

मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन से ट्रेनिंग लेने की पहली शुरुआत फाउंडेशन कोर्स से होती है और इसमें एक आईएएस के लिए चुने गए कैंडिडेट्स के अलावा आईपीएस, आईएएस और आईआरएस के लिए चुने गए कैंडीडेट्स भी शामिल होते हैं। इस दौरान 3 महीने के फाउंडेशन कोर्स में सभी कैंडिडेट्स को बेसिक एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल्स सिखाए जाते हैं। साथ ही कुछ खास तरह की एक्टिविटी भी कराई जाती है, जिसमें मेंटल और फिजिकल मजबूती भी ऑफिसर के लिए बेहद जरूरी होती है।

इंडिया डे का किया जाता है खास आयोजन

इसके साथ ही एकेडमी के अंदर सभी ऑफिसर्स के लिए इंडिया डे का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें सभी कैंडिडेट्स अपने-अपने राज्य की संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं। साथ ही इस दौरान सभी अपने राज्य के पहनावे, लोक नृत्य और खानपान के जरिए देश की विविधता में एकता को प्रदर्शित करते हैं।

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हर स्थिति को समझने की दी जाती है ट्रेनिंग

फाउंडेशन कोर्स के दौरान सभी कैंडिडेट्स को आम लोगों की समस्या को समझने के लिए विलेज विजिट पर ले जाया जाता है, जिसके लिए उन्हें देश के किसी सुदूर गांव में जाकर 7 दिन तक उन्हें रहने के लिए कहा जाता है। इस दौरान वह गांव में रहते हुए जिंदगी के हर पहलू को बारीकी से समझते हैं और हर समस्या का समाधान किस तरह सोच-समझकर किया जा सकता है, इस पहलू पर बारीकी से अध्ययन करते हैं।

बेहद कड़ी होती है IAS की ट्रेनिंग

3 महीने की फाउंडेशन ट्रेनिंग के दौरान एक आईएएस अधिकारी को छोड़कर अन्य सभी सिविल सेवा अधिकारी अपनी-अपनी एकेडमी में चले जाते हैं, जबकि एक आईएएस ट्रेनी को अभी भी लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकैडमी आफ एडमिनिस्ट्रेशन नहीं रखा जाता है और इसके बाद उनकी प्रोफेशनल ट्रेनिंग शुरू की जाती है।

कई सेक्टर्स की दी जाती है जानकारी

प्रोफेशनल ट्रेनिंग के दौरान एडमिनिस्ट्रेशन और गवर्नेंस के हर सेक्टर की जानकारी आईएएस ट्रेनी को बारीकी से दी जाती है। प्रोफेशनल ट्रेनिंग में आईएएस ट्रेनिंग को देश के जाने-माने एक्सपोर्ट्स और सीनियर ब्यूरोक्रेट पंचायती राज, एजुकेशन, हेल्थ, एनर्जी, एग्रीकल्चर, रूरल, डेवलपमेंट, सोशल सेक्टर, कानूनी व्यवस्था, अर्बन डेवलपमेंट, ट्राईबल डेवलपमेंट और महिला एवं बाल विकास की जानकारी देते हैं।

स्थानीय भाषायों का दिया जाता है प्रशिक्षण

इसके साथ ही एक आईएएस अधिकारी को ट्रेनिंग खत्म होने के बाद कैडर दिया जाता है, लेकिन इस दौरान इससे पहले उन्हें उस राज्य की स्थानीय भाषा भी सिखाई जाती है, जहां उनकी पोस्टिंग होती है। यह एक आईएएस अधिकारी के लिए यह बेहद जरूरी होता है कि वह उस स्थानीय भाषा को समझ कर लोगों की समस्याओं को समझ सके, ताकि वह उनकी समस्या का समाधान कर सके।

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आईएएस ट्रेनी को विंटर स्टडी टूर पर भेजा जाता है

प्रोफेशनल ट्रेनिंग के दौरान एक आईएएस ट्रेनी को विंटर स्टडी टूर भी कराया जाता है। इस दौरान आईएएस ट्रेनी को समझने का मौका मिलता है, कि 2 महीने के विंटर स्टडी टूर के बाद फिर से अकैडमी में ही पढ़ाई होती है और प्रोफेशनल ट्रेनिंग के बाद परीक्षा ली जाती है।

फील्ड की भी दी जाती है ट्रेनिंग

एक आईएएस अफसर को 1 साल की एकेडमिक और फील्ड ट्रेनिंग के बाद जेएनयू की तरफ से पब्लिक मैनेजमेंट में मास्टर की डिग्री भी दी जाती है। साथ ही 1 साल की ऑन जॉब प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए उन्हें अपने कैडर ने भेजा जाता है, जहां उन्हें स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव अकेडमी में राज्य के कानूनों, लैंड मैनेजमेंट आदि की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके साथ ही हर श्रेणी को किसी एक जिले में ऑन जॉब ट्रेनिंग के लिए असिस्टेंट कलेक्टर और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के रूप में भेजा जाता है।

क्या करता है एक आईएएस अधिकारी?

यूपीएससी की परीक्षा और इतनी लंबी कड़ी ट्रेनिंग की प्रक्रिया से गुजरने के बाद एक आईएएस अधिकारी की पोस्टिंग देश के अलग-अलग जिलों में की जाती है, जहां उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा के माध्यम से देश के नौकरशाही ढांचे में काम करने का मौका दिया जाता है। एक आईएएस अधिकारी विभिन्न मंत्रालयों प्रशासन के विभागों और जिले में नियुक्त किए जाते हैं। बता दें कि कैबिनेट सचिव एक आईएएस अधिकारी के लिए सबसे वरिष्ठ पद होता है।

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