बिहार में दारोगा समेत 2446 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को हाइकोर्ट ने दिया झटका, लगाई  ज्वाइनिंग पर  रोक

बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की तरफ से बिहार पुलिस और कारा एवं सुधार सेवाओं के अधीन दारोगा, सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक के कुल 2446 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था । सभी पदों पर बहाली के लिए आगे की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी। कुछ ही दिनों पूर्व इसका अंतिम रिजल्ट भी जारी कर दिया गया था। सफल अभ्यर्थी लंबे वक्त से ट्रेनिंग में जाने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अब एक और अटकलें सामने आ गई है। अब उन्हें न्यायालय के निष्कर्ष का उन्हें इंतजार करना पड़ेगा।

क्या है ये है आरोप ?

2446 दारोगा परीक्षा के रिजल्ट के खिलाफ कुछ अभ्यर्थियों के द्वारा हाईकोर्ट में केस दायर किया गया था।शिकायतर्काओं का पक्ष रख रहे अधिवक्ता रितिका रानी के द्वारा यह किस हाईकोर्ट में लड़ा गया। उन्होनें बताया कि सुधीर कुमार गुप्ता समेत 268 अभ्यर्थियों द्वारा यह शिकायत की गई है कि उन्होंने एग्जाम में कट ऑफ स्कोर से अधिक नंबर के प्रश्न सही हल किये । जब आयोग ने 1 अगस्त 2021 को अपने वेबसाइट पर स्कोरकार्ड अपलोड किया तो करीब 236 कंडिडेट के नंबर कट ऑफ से अधिक थे लेकिन चयनित सुची मे उनका नाम नहीं था।

अदालत ने आदेश मे क्या कहा?

अधिवक्ता रितिका रानी ने बताया कि अभ्यर्थी की शिकायत के निवारण के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया।  बुधवार को इस मामले की सुनवाई की जा रही थी । गौरतलब है कि अदालत ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए स्टे लगा दिया है। अदालत ने अपने आदेश मे यह भी कहा कि अभी किसी भी अभ्यर्थी को ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया जाए। बहाली की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। अब आयोग को अदालत में कई अनसुलझे सवालों के जवाब देने पड़ेंगे।

चार हफ्ते बाद पुनः इस मामले की सुनवाई

अधिवक्ता रितिका रानी ने इस सम्बन्ध में बताया कि लगभग चार हफ्ते बाद पुनः इस मामले की सुनवाई की जाने की सूचना है। मेरिट लिस्ट चैलेंज करने पर वे बोली कि जबतक मामला हाइकोर्ट में पेंडिंग रहेगा, तबतक बहाली की प्रक्रिया पर रोक रहेगी।

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इधर चयनित अभ्यर्थियों का बड़ा समूह पुलिस मुख्यालय पहुंच कर यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर उन्हें ट्रेनिंग के लिए क्यों नहीं बुलाया जा रहा। आयोग इस सम्बन्ध मे कुछ भी नहीं बता पा रहा और गोलगोल बातें कहकर ही चयनित अभ्यर्थियों को बहला रहा। इधर हाईकोर्ट के स्टे के बाद जहां रिजल्ट को चैलेंज करने वालों छात्रो में उम्मीदें जगी हैं लेकिन चयनित छात्रों को ट्रेनिंग के लिए अब और वक़्त का इंतज़ार किए जाने से उनमे निराशा हुई है।

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