E-Scooter Company : देश के तमाम हिस्सों में इन दोनों इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है। वही इन डिमांड के साथ-साथ कई जगहों पर शिकायतों का पिटारा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन खरीदने वाले कस्टमर को लगातार आ रही परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक स्कूटर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को ना सिर्फ फटकार लगाई है, साथ ही निर्देश भी दिए हैं।
इस दौरान केंद्र सरकार ने ऑफ बोर्ड चार्जर के लिए गए पैसों को ग्राहकों को वापस न लौटाने के मामले में ओला इलेक्ट्रिक, हीरो मोटरकॉर्प, एथेर एनर्जी और टीवीएस मोटर्स को निर्देश दिए हैं कि 2 लाख ग्राहकों के करीबन 278 करोड रुपए का भुगतान यह कंपनियां तुरंत करें। यह सभी कंपनियां अपने ग्राहकों को भुगतान नवंबर 2023 के आखिर तक जरूर कर दें।
नवंबर 2023 से पहले भूगतान करें कंपनियां
इसके साथ ही इस मामले पर सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा साझा जानकारी में यह भी बताया गया कि इस मामले में चूक करने वाली कंपनियों को सरकार की ओर से नोटिस भी भेजा जाएगा, जिसमें साफ शब्दों में निर्देश दिए जाएंगे कि अगर नवंबर 2023 के अंत तक ये कंपनियां भुगतान नहीं करती है तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। बता दे कि सरकार की ओर से ये कदम भारी उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि 288 करोड रुपए के कुल बकाए को न चुकाने वाली तमाम ई-कंपनियों ने 15 अगस्त को केवल 10 करोड रुपए का ही भुगतान किया है।
इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी के खिलाफ केंद्र सरकार सख्त
गौरतलब है कि सरकार के आदेश के बाद अगर यह कंपनियां नवंबर तक भुगतान नहीं करती है, तो सरकार आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की एवरेज में कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी रोकने का फैसला कर सकती है। इसी के साथ कंपनियों को फेम 2 के तहत मिलने वाली अन्य सुविधाएं भी रोक दी जाएगी। बता दे कि FAME 2 प्रोग्राम मार्च 2024 में खत्म होने वाला है, लेकिन अगर यह कंपनियां सरकार के आदेश का पालन नहीं करती है तो इन कंपनियों के लिए इसे तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाएगा।
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बता दे कि ऑटो कंपनियों की ओर से की जा रही इस गलती के चलते फरवरी में ही सरकार ने सभी कंपनियों की सब्सिडी पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद कंपनियों ने अपनी गलती मानते हुए अप्रैल में ग्राहकों को ऑफ बोर्ड चार्जर की कीमत लौटने की बात कही थी। इन चार्जर की कीमत टू-व्हीलर की खरीद के दौरान ग्राहकों द्वारा की गई थी। सरकार को इससे पहले 800 करोड रुपए की सब्सिडी जारी करनी थी, लेकिन चूक करने वाली कंपनियों की 300 करोड रुपए की राशि तब तक जारी नहीं की जायेगी जब तक ये ग्राहकों से वसूली गई राशि भुगतान कर इसकी जानकारी सरकार को नहीं मिल जाती।
क्यों इलेक्ट्रिक कंपनी से नाराज है सरकार
दरअसल इलेक्ट्रिक स्कूटर बचने के दौरान सभी वाहन निर्माता कंपनियों ने चार्जर की राशि ग्राहकों से अलग से वसूली है, जबकि इस राशि को कंपनियों को व्हीकल की कीमत में ही जोड़ना था। इतना ही नहीं इन कंपनियों ने ग्राहकों की शिकायत के बाद सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन भी नहीं किया, जिसके बाद अब सरकार इन कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
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