सरकारी कबाड़ सेंटर मे कैसे तय होते हैं पुरानी गाड़ियों के दाम, जानें एंट्री से लेकर पैसे मिलने तक का प्रॉसेस

देश के तमाम हिस्सों में प्रदूषण का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है, जो अपने आप में एक बड़ी परेशानी की वजह है। बढ़ते प्रदूषण के कारण जहां लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया है तो वहीं इसके चलते कई अलग-अलग तरह की बीमारियां भी बढ़ रही है। यहीं वजह है कि बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए साल 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ियां और 10 साल पहले खरीदे गए डीजल वाहन देश के कई राज्यों में प्रतिबंधित किए जाएं। इसके चलते भारत के लगभग सभी राज्यों में समय सीमा से पुराने वाहन करने की फैसिलिटी राज्य सरकारों की ओर से शुरू की गई।

इन कंपनियों ने शुरु की निजी स्क्रैपिंग कंपनियां

बता दे भारत में मारुति सुजुकी, टाटा, टोयोटा जैसी कई बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां स्क्रैप फैसिलिटी शुरू कर चुकी है। ऐसे में आप आर्टिकल के जरिए यह जान सकते हैं कि आपके पुराने वाहन को स्क्रेप करने की प्रक्रिया क्या है। बीते लगभग साल भर में कितने वाहनों को स्क्रैप किया गया है। आपकी पुरानी गाड़ी स्क्रैपिंग सेंटर कितने में लेते है और अगर आप अपनी पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करना चाहते हैं, तो आपको कहां आवेदन करना चाहिए…?

स्क्रैपिंग के लिए कहां करें आवेदन?

अगर आपके पास पुरानी गाड़ी है जिसे सरकार की ओर से प्रतिबंधित कर दिया गया है और आप अपनी पुरानी गाड़ी को स्क्रेपिंग के लिए रजिस्टर्ड कराना चाहते हैं, तो आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होगा और इन आसान तरीकों को फॉलो करते हुए आप अपनी गाड़ी को इस आधिकारिक वेबसाइट https://vscrap.parivahan.gov.in पर सिर्फ एक फॉर्म भरकर स्क्रैपिंग के लिए रजिस्टर करा सकते हैं। इसके साथ ही आप अपने नजदीकी स्क्रैप सेंटर मे भी आवेदन के लिए संपर्क कर सकते हैं।

स्क्रैपिंग सेंटर का टोलफ्री नंबर क्या है?

वही स्क्रैप रजिस्ट्रेशन के लिए एक और ऑप्शन मौजूद है, जिसके तहत आप टोल फ्री नंबर एक 1800-419-3530 पर भी कॉल कर सकते हैं या फिर Scrappage facilities के व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज सेंड कर भी अपनी गाड़ी को रजिस्टर करा सकते हैं। बता दे जब आप अपनी गाड़ी को स्क्रेपिंग के लिए रजिस्टर करा देते हैं, इसके बाद आपको उससे संबंधित स्क्रेपिंग सेंटर से एक कॉल आता है और इस दौरान आपको आपकी गाड़ी की स्क्रेपिंग की कीमत बताई जाती है। अगर आप उससे सहमत होते हैं, तो आप स्क्रेपिंग सेंटर को अपनी गाड़ी सौंप देते हैं। आपकी गाड़ी के स्क्रैप हो जाने के बाद आपको एक प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है।

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कैसे होता है कार स्क्रेपिंग के लिए मोलभाव

परिवहन आयुक्त एल वेंकटेश्वरलू द्वारा जारी किए गए एक पत्र के मुताबिक ELV यानी एंड ऑफ लाइफ व्हींकल का आरक्षित मूल्य लौह या धातु स्क्रब घटक के मूल्य के 90% को लोहे के मौजूदा बाजार मूल्य से गुणा करके तय किया जाता है। लोहा स्क्रैप का प्रतिशत प्राप्त करने के लिए मानक सूत्र को कर्ब वर्जन के 65% मूल्य दिया जाता है, जिसमें सभी मानक उपकरण तरल पदार्थ और इंधन के साथ-साथ वाहन का कुल वजन भी शामिल होता है। इसके साथ ही बता दे कि स्क्रैप सेंटर अधिकृत वाले मैनुअल रूप से पीएलबी के मूल्य की गणना भी करते हैं, जो कई बार ग्राहक के मन मुताबिक नहीं होता है।

क्या है गाड़ी स्क्रेपिंग का प्रोसेस

जब भी आप अपनी गाड़ी को स्क्रेपिंग सेंटर को सौंप देते हैं, तो उसे वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जाता है। इसके लिए कई अलग-अलग चरण सिलसिलेवार अपनाए जाते हैं।

  • सबसे पहले स्टेशन एक पर टायर और सीएनजी किट को हटाया जाता है।
  • अगले चरण में बैटरी और फ्री ऑन गैस कीटों को पूरी तरह से नष्ट किया जाता है।
  • इसके बाद वाहन की सीट स्टीयरिंग इंजन और रेडिएटर को वाहन से अलग किया जाता है, जिससे धातु से बना एक सिर्फ खोखला ढांचा रह जाता है, जिसके बाद में टुकड़ों में काट दिया जाता है।
  • बता दे इस दौरान धातु को ब्लॉक में बदलने के लिए बेल प्रेस मशीन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे बाद में विभिन्न कंपनियों को आपूर्ति के लिए दिया जाता है।
  • वही कार के अन्य घटकों को पूर्ण नवीकरण के लिए निजी कंपनियों को बेच दिया जाता है।
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